नमस्कार दोस्तों ,
मैं हूँ आर्यन और इस नए ब्लॉग में आपका स्वागत है |
वैसे इस ब्लॉग के टॉपिक को देखकर शायद आप समझ रहे होंगे की हम आज कोई काम के बारे में बात करने वाले हैं , जी हाँ कुछ हद तक आपने सही सोचा है , पर पूरी सोच इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद ही विकसित होगी |
तो चलिए शुरू करते हैं |
दोस्तों जब कोई दो इंसान आपस में मिलते हैं तो वो कौन सा प्रश्न है जो हमेशा पूछा जाता है ?
सोचिये |||
वो प्रश्न है " आजकल क्या कर रहे हो या क्या चल रहा है ? "
और " आजकल क्या कर रहे हो ? " से सामने वाले का मतलब रहता हैं की " क्या काम " कर रहे हो |
पर यकीन मानिये ये पूछने के पीछे ये वजह बहुत कम रहेगी की कोई आपका काम करने का तरीका या उससे होने वाले लोगों को फायदे के बारे में सोचे , इस प्रश्न के पीछे का मुख्य उद्देश्य होता है की " भईया , कमा कितने लेते हो ? "
आज 10 में से 9 लोग इसी चीज़ के पीछे पागल है , उनको ये नहीं मतलब आपके काम की क़्वालिटी क्या है , उनको मतलब है आपके जेब में कितना पैसा आ रहा है ?
और आप भी दूसरों से जब ये प्रश्न पूछते हैं तो आपका भी यही उद्देश्य रहता है , की सामने वाला कितना कमा लेता है , है ना ??
तो क्यों ना हमारी सोच को एक कदम आगे ले जाये |
और वो एक कदम जायेंगे कैसे ? तो उसका एक ही रास्ता हैं , अपने किये गए प्रश्न में एक कदम पीछे चले जाइये |
आप ये मत देखिये , की सामने वाला कमा कितना रहा है , ये देखिये की सामने वाली की काम की क़्वालिटी क्या है ?
आप ही बताइये कोई इंसान बोलता है वो महीने का 1 लाख कमा ही लेता है , पर काम ये है की किसी भी इंसान का मर्डर कर लेता है , तब भी क्या आप उसकी इज़्ज़त करेंगे ? , क्या वो आपकी नज़र में सही है ?
ये तो चलो बात हुई प्रत्यक्ष काम की , ऐसा भी तो हो सकता है की अप्रत्यक्ष रूप से वो हानि ही पहुंचा रहा हो या कुछ भी ढंग का काम नहीं कर रहा हो ?
तो अब हमारा प्रश्न क्या होना चाहिए ? , प्रश्न होना चाहिए की सामने वाला जो काम कर रहा है , उसकी क़्वालिटी क्या है , साथ ही साथ उसका परिणाम क्या निकल कर आ रहा है ?
अब आप पूछेंगे हम ये सब क्यों करे ? , हमे क्या की कोई इंसान क्या काम कर रहा है ?
बहुत बढ़िया , अगर आप ये सोच रहे तो आपकी सोच को सलाम है |
आप समाज में रहते हैं ना ? , समाज मतलब की मिल जुल कर एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हुए जीवन जीना , हैं ना ?
तो अगर कोई गलत काम कर रहा हो , तो क्या उस चीज़ का फर्क आपको नहीं पड़ेगा ?
बिल्कुल पड़ेगा |
तो फिर ये आपकी भी जिम्मेदारी बन जाती हैं की किसी व्यक्ति का काम कैसा है ?
चलिए कुछ उदहारण से समझते हैं |
1 . सेल्समेन या दुकानदार का काम :-
अक्सर आपके घर में सेल्समेन आते होंगे , की ये सामान खरीद लीजिये , और वो कीमत भी कम बताएंगे , फिर आप बहुत मोल भाव करके 10 - 20 रुपये और कम करा लेंगे , खुद को शाबाशी भी देंगे पर क्या उस लिए सामान के बारे में आपको सब कुछ पता है ? , उसके फायदे , उसके नुक्सान ?
नहीं - नहीं वो सब की बातें क्योँ करना ? , जब सस्ते में सामान मिल ही रहा तो ले लो ,क्या दिक्कत है ?
और इसी सस्ते के कारण आपकी ज़िन्दगी भी सस्ती हो गयी है |
अब हम एक सेल्समेन की नज़र से देखते हैं , वो जो सामान बेच रहा है , या जो सामान दुकानों में रखा हुआ है उससे क्या हमारे स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव तो नहीं पड़ रहा है ?
जैसे कोल्ड ड्रिंक्स को ही ले लीजिये |
उसमे होता है ,
पानी
कार्बनडाईऑक्साइड
कृत्रिम रंग
शक़्कर
प्रेज़रवेटिव
एसिडिटी रेगुलेटर
स्टेबलाइजर
कैफीन
और ऐसे ही कई सारी चीज़ें |
जिसका शरीर को नुक्सान ही नुक्सान है |
पर टीवी में इसके विज्ञापन भी आएंगे , सेल्समेन बेचेंगे , दुकानदार बेचेंगे और हम खरीदेंगे |
कोल्ड ड्रिंक्स पर " मि. ध्रुव राठी " ने एक वीडियो बनाया है , एक बार जरूर देखिये , नीचे दिए हुए फोटो पर क्लिक करके आप वो वीडियो देख सकते हैं |
क्लिक मी 👆
दोस्तों साल 2019 में एक साउथ फिल्म आयी थी , जिसका नाम था " Velaikkaran " , जिसे हिंदी में गोल्ड माइंस ने " घायल खिलाडी " नाम से डब किया था , जो यूट्यूब पर अवेलेबल है , एक बार देखिये जरूर , आपको पता चले की कैसे सेल्स इंडस्ट्री काम करती है , वो आपके पैसे के बदले आपको जहर बेच रही है |
उसी मूवी का एक छोटा वीडियो का लिंक शेयर कर रहा हूँ , ताकि आपको थोड़ा आईडिया हो जाये |
Click The Image to Watch Video... 👇
2. सॉफ्टवेयर इंजीनियर :-
दोस्तों अगर कोई सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गया तो समझिये उसकी ज़िन्दगी बन गयी , वो पैसे में खेलेगा , है ना ?
पर क्या वो सॉफ्टवेयर इंजीनियर सही सॉफ्टवेयर बना भी रहा हैं ?
आजकल बच्चों में गेमिंग का क्रेज बढ़ रहा है , पर आपने कई ऐसे गेम्स के नाम सुने होंगे जिनसे बच्चों की जान तक जा सकती हैं |
जैसे :-
1. Choking Game
2. Cinnamon Challenge
3. Huffing or Dusting
और भी ऐसे कई सारे गेम्स हैं , जिसके पीछे बच्चा अपना पूरा दिन गँवा देता हैं
जैसे :-
1 . PUBG
2 . FREEFIRE
और इनसे पैसे का भी काफी नुक्सान होता है , कई बच्चे अपने ही घर में चोरी करते हैं |
तो ये सब बनाने वाला कौन ?
क्या वो दूसरी दुनिया से आया है ? बिल्कुल नहीं , वो हममें से ही एक है पर लालच ने ऐसा कराया उससे , उसे पता ही नहीं की वो जो चीज़ बना रहे हैं उससे उनके ही भाई बहन जाल में फंस रहे हैं |
क्योंकि कभी किसी ने सिखाया ही नहीं की असली काम होता क्या है ?
3 . डेटा एनालिसिस : -
आपने कई सारे इंडस्ट्री में डेटा एनालिसिस करने वाले का का पोस्ट देखा होगा , लोग लाखों की संख्या में अप्लाई कर रहे हैं , चलिए अगर किसी मौसम विभाग , भू विभाग , या ऐसे ही कुछ क्षेत्र में जाये तो अच्छा है , कोई बुराई नहीं बल्कि इससे लाखों लोगों को लाभ ही होगा |
पर ये काम कहाँ कर रहे हैं ? शॉपिंग मॉल में , टैक्सी कंपनी में |
और क्या डेटा एनालिसिस कर रहे ?
** किसी इंसान ने कौन से दिन कौन सा प्रोडक्ट ज्यादा ख़रीदा |
** किसी शहर के कौन से जगह में टैक्सी सवारी ज्यादा मिले |
ये डेटा एनालिसिस करके कौन सा तीर मार लेंगे ये ?
क्या फर्क पड़ता हैं डेटा एनालिसिस से ? , कोई टैक्सी में गया और ड्राइवर को पैसे दे दिए , बात ख़त्म |
नहीं दिया तो कंपनी को घाटा , दिया तो फायदा , बस इतनी सी बात है |
और जब ये इतना एनालिसिस कर ही रहे तो क्यों सडकों पर इतने अपराध हो रहे ?
4 . वेडिंग इंडस्ट्री :-
आजकल यही ज्यादा चलन में है , लोग गधों की तरह दिन रात बस कमा ही रहे हैं , इसीलिए की शादी में 1 दिन पूरा खर्च कर ही डाले |
लोग शादी के 1 महीने पहले से ही तैयारी कर रहे , की मेहंदी रस्म में ऐसा डांस करेंगे , ऐसे कपडे पहनेंगे , बारात में ऐसा करेंगे , बुफे में ऐसा ऐसा खाना रहेगा , और सबसे ज्यादा खर्च प्री वेडिंग फोटोशूट में कर रहे |
आपको पता है की वेडिंग इंडस्ट्री कितनी बड़ी है भारत की ?
लगभग 60 से 70 लाख करोड़ रूपये |
कौन कहता है की भारत में गरीबी है ? , बिल्कुल नहीं | भारत गरीब नहीं है बल्कि यहाँ के लोग दिखावा बहुत करते हैं और नक़ल करते हैं पश्चिम सभ्यता की , तभी यहाँ इतनी दुर्गति हुई है |
काम कर रहे , बोलकर कुछ भी फालतू सी चीज़ कर दे रहे और बदले में पैसा मिल रहा , बस हो गया काम |
नहीं फर्क पड़ता उससे कितना गलत प्रभाव पड़े |
5 . फैशन इंडस्ट्री :-
इसका तो कहना ही क्या है , हमारी प्राचीन सभ्यता में हमारे शरीर को कपड़े की संज्ञा दी गयी थी , गीता में भी कहा गया था कि
अर्थात शरीर को वस्त्र के सामान ही जानिए , ज्यादा लगाव सही नहीं है |
पर फैशन इंडस्ट्री , श्री कृष्ण के वचनों से भी आगे निकलती जा रही है , ये यही सीखा रही है की अपने शरीर को जितना चमका कर रख सकते हो रखो , शरीर की नुमाइश करना ही हमारा पेशा बनते जा रहा है |
तरह तरह के रसायन वाली चीज़ें शरीर पर लगाकर हम अपने शरीर को और कमजोर बना रहे , अपने शरीर के साथ सहज रहिये , कोई महान नहीं हैं हम जो अपने शरीर को इतना सहेज कर रख रहे , सोचिये बॉर्डर पर खड़ा जवान अगर यही सोचेगा की खुद के शरीर को बचाना है , तो क्या वो दुश्मनों के सामने मुकाबला कर पाएगा ?
और इस फैशन इंडस्ट्री की शिकार सबसे ज्यादा महिलाएं हुई है , लड़की 8 -10 साल की हुई नहीं की घरवाले उसे सजा धजा रहे है , आज महिलाये इतनी कमजोर कैसे हो जा रही ? क्योंकि जिस उम्र में उनको अपने शरीर को मजबूत करना था , उस उम्र में अपने शरीर को ये सजा रही थी |
पर आज भी कई महिलाएं हैं जो हमारे सामने एक बेहतरीन उदाहरण पेश कर रही हैं |
जैसे :-
1 . भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु |
2 . किरण बेदी ( आईपीएस ) |
3 . निर्मला सीतारमण ( वित्त मंत्री ) |
और भी कई सारे नाम है , जो हमारे देश के लिए गौरव का विषय है |
तो ये थे कुछ कामों के उदाहरण जो फायदा नहीं बल्कि नुक्सान ही पहुंचा रहे हैं | और इन सब जगह आम आदमी ही काम कर रहा है |
अब आप में से कई लोग कहेंगे की अपना पेट पालने के लिए हम काम भी ना करे ?
करो भाई , कौन मना कर रहा है ?
पर खुद का पेट पालने के लिए दूसरों का पेट क्यों चीर रहे हो ?
क्या दुनिया में ऐसे कामों की कमी है ? , क्या सीधा सीधा रास्ता नहीं हो सकता अपनी आजीविका के लिए ?
चलिए ये तो बात हुई समस्या की अब समाधान की बारी |
1 . जागरूकता : -
आप कोई काम जब शुरू करे तो पूरी तरह जाँच पड़ताल कर ले , उस काम से लाभ क्या है , हानि क्या है , क्या ये काम सही रहेगा ? सिर्फ पैसे को मत देखिये |
आपको कोई महीने का 50 हज़ार देगा और बोलेगा की जहर बनाकर लोगों तक पहुँचाना है तो कर दोगे ?
नहीं ना ?
इसीलिए सिर्फ पैसे को सोचकर मत चलिए , आप ज़िन्दगी में दो ही चीज़ें चुनते हैं जो आपकी ज़िन्दगी बना भी सकती है और बिगाड़ भी सकती है |
पहला अपना जीवनसाथी , दूसरा अपने लिए कोई काम |
और ऐसा भी नहीं की आप अपना काम बार - बार परिवर्तित करते रहे , इसमें मज़ा नहीं आया तो ये कर लिया , इसमें पैसा कम मिला तो वो कर लिया | ये बस मामूली लोगों के बहाने होते हैं , काम से भागने के लिए , काम , काम होता है , करना है मतलब करना है |
2 . जरूरते सीमित रखिये : -
ये बहुत जरुरी चीज़ है , अपनी जरूरते सीमित रखिये , तभी आप ज़िन्दगी में खुद के उसूलों पर टिक सकते हैं , मान लीजिये आप कोई नौकरी कर रहे , सैलरी है 15000 , आपने दिखावे के चक्कर में 5 लाख की कार लोन में खरीद लिया , अब ये बात आपके बॉस को पता चल गया , सोचिये अब आपका क्या होगा ?
आपका बॉस आपको गधों की तरह काम कराएगा , नहीं किये तो नौकरी से निकाल देने की धमकी देगा , आप नौकरी छोड़ नहीं सकते क्योंकि कार की EMI जो देनी है |
बस ज़िन्दगी का तहस नहस होना पक्का है |
इसीलिए जरूरते सीमित रखिये , जो सच में जरुरी है उसी की खरीददारी करिये , अन्यथा नहीं |
3 . परिवार :-
अक्सर लोगों को ये तर्क देते हुए सुने होंगे आप की मेरे 2 - 4 बच्चे हैं , माँ बाप हैं , सबकी जरूरते हैं , उनको पूरी करने के लिए गलत काम भी करना पड़ता है , काम में बेईमानी भी करनी पड़ती है |
ऐसे लोगों के लिए यही कहना चाहूंगा की बच्चे हवा में तो पैदे होते नहीं है , जो जाहिर सी बात है , बिना सोचे समझे काम करेंगे तो बुरा अंजाम मिलेगा ही |
चलिए जो बच्चे हो गए हैं उनका तो कुछ नहीं कर सकते पर जिनके नहीं हुए हैं उनको तो जागरूक कर ही सकते हैं , परिवार नियोजन इसीलिए चलाया जाता है |
अगर जनसँख्या ज्यादा रहेगी तो रोजगार के अवसर उतने ही कम बनेंगे , फिर गलत कामों की संख्या बढ़ती जाएगी |
हमारे भारत में रोज़ लगभग 70 से 80 हज़ार बच्चे पैदा होते है , और ये असंभव है की कोई सरकार रोज़ इतने रोजगार पैदा कर सके |
4 . शिक्षा : -
सबसे महत्वपूर्ण चीज़ , शिक्षा में जितना हो सके योगदान दीजिये , क्योंकि शिक्षा ही है जो एक इंसान को सही मायने में इंसान बनाती हैं , नहीं तो वह जानवर बनकर रह जाएगा | सही - गलत की समझ हमे शिक्षा से ही आएगी , और शिक्षा का अंतिम लक्ष्य रोजगार पाना बिलकुल नहीं नहीं है , बल्कि एक सभ्य इंसान का निर्माण करना है , आपके पास तेज़ दिमाग है , शरीर में ताकत है , झोंक दो अपने आपको उस काम के लिए जो जरुरी है |
बस बेरोजगारी का रट लगाने से कुछ नहो होगा , अगर आप काम करना चाहते हैं तो निकलिये घर से , काम करिये | बाकि चीज़ें अपने आप आपके पास आती जाएँगी |
फंडा बस यही है दोस्तों की सही काम चुनिए और सही तरीके से पैसे कमाइए और , फिर आप कमाए हुए पैसों का भी सही जगह उपयोग करेंगे , नहीं तो वही है जो आप देखते हैं , दिनभर गलत तरीके कमाया फिर शराब , शबाब और हिंसा इसी में पैसे खर्च होते रहेंगे , और अगर आपका काम सही है तो आप रिश्ते भी बेहतर लोगों से ही बनाएंगे , बस देह का रिश्ता नहीं , आत्मा का रिश्ता |
तो दोस्तों ये था काम के बारे में मेरा विचार , अगर सही लगा हो तो Comment करके बताइयेगा जरूर |