कितना सच कितना झूठ ??
Hello Friends ,
मैं हूँ आर्यन और लेकर आया हूँ नया ब्लॉग |
दोस्तों Title से तो आप जान ही गए होंगे , की हम किस बारे में बात करने जा रहे हैं , आप बोलेंगे की ये हम जानते हैं की हमारे पूर्वज बन्दर थे |
अच्छा फिर मेरा भी एक प्रश्न हैं -
" अगर हमारे पूर्वज बन्दर थे , तो हमे आज भी जंगलों में या किसी ज़ू में बन्दर या लंगूर कैसे दिख जाते हैं ?
इसीलिए आज का ये ब्लॉग वैसे बिलकुल नहीं होने वाला , जैसा आप सोच रहे हैं |
अच्छा जब आप ये पंक्तियाँ सुनते , पढ़ते या देखते हैं तो आपके दिमाग में एक व्यक्ति का नाम आता होगा , और वो नाम है " चार्ल्स डार्विन " |
है ना ?
जिन लोगों ने जीव विज्ञान पढ़ा होगा , उन्हें इनके बारे में अच्छे से पता होगा |
तो दोस्तों " चार्ल्स डार्विन " ही वो व्यक्ति थे जिन्होंने वर्तमान के सजीवों की उत्पत्ति और उनके वर्गीकरण को समझाया | उन्होंने एक पुस्तक लिखी जिसका नाम था " Origin Of Species " या " प्रजातियों की उत्पत्ति " , इस पुस्तक में उन्होंने विस्तारपूर्वक समझाया है की जीवों का विकास किस प्रकार हो सकता है |
आज के समय में ये पुस्तक बहुत ही बढ़िया माध्यम बन चूका है , अपने अतीत को जानने का |
फिक्र मत करिये , मैं यहाँ पूरी पुस्तक को बताने नहीं वाला , बल्कि एक सारांश के रूप में आपको बताऊंगा की हम आये कहाँ से हैं ?
तो दोस्तों क्या हमारे पूर्वज वास्तव में बन्दर थे ?
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जवाब है " बिल्कुल नहीं " |
वो कहते हैं न , की " Many Heads , Many Minds . "
डार्विन ने अपने सिद्धांत में ये कहा था की " इंसानो और बंदरों के पूर्वज एक ही हैं | "
ये नहीं की " इंसानो के पूर्वज बन्दर ही है | " , दोनों में फर्क है |
आगे बढ़ने से पहले कुछ शब्दों को समझ लेते हैं , ताकि आपको भी इसे समझने में आसानी हो |
* Evolution ( एवोलूशन ) * मतलब एक क्रमिक विकास |
* Mutation ( म्युटेशन ) * इसका अर्थ हैं जीवों के Nucleotide में कुछ परिवर्तन का होना |
* Natural Selection (नेचुरल सिलेक्शन ) * अर्थात जीवों का परिस्थिति के अनुरूप परिवर्तन होना |
तो चलिए इसे थोड़ा स्टेप बाय स्टेप समझते हैं -
* धरती की आयु लगभग 4.5 अरब वर्ष आंकी गयी है |
* शुरुआत में ये माना गया की पृथ्वी पर सजीवों की उत्पत्ति किसी निर्जीव पदार्थों से हुई होगी , जैसे पानी को बहुत दिनों तक रखे रहने से उसमें कीड़े दिखाई देने लगते हैं , गोबर में इल्लियां बन जाती है |
* कुछ समय बाद ये सिद्धांत गलत साबित हुआ , और ये कहा गया की केवल जीवों से ही जीवों की उत्पत्ति होती है |
* चार्ल्स डार्विन ने माना की कुछ तत्वों में प्रकाश , ऊष्मा या विद्युत् से क्रिया होकर प्रोटीन युक्त यौगिक बने , फिर उससे जीवों की उत्पत्ति हुई |
* आज वैज्ञानिक ये मानते हैं की पृथ्वी पर जितने जीव हैं उन सबके एक ही उभयनिष्ठ पूर्वज थे , जिसे उन्होंने " FUCA " या ( First Universal Common Ancestor " कहा |
* ये FUCA , एवोलूशन के रूप में LUCA ( Last Universal Common Ancestor ) में विकसित हुए , जो Natural Selection के अनुरूप था |
* और यही LUCA ही आज के सजीवों के पूर्वज थे |
* क्रमिक विकास ( Evolution ) के फलस्वरूप ये बैक्टीरिया और Archaea इन दोनों चीज़ों में विभक्त हुआ |
* आप इसे एक पेड़ के रूप में विचार कीजिये , LUCA इसकी जड़ हैं , फिर धीरे धीरे इसके तने ( Bacteria और archaea ) के रूप में विकसित हुए |
* इसी क्रम में विकास हुआ उस बैक्टीरिया का जिसे स्यानोबैक्टेरिया कहते हैं , जिन्होंने प्रकाश और वातावरण से क्रिया करके , हमारी धरती को Oxygen दिया , इसका अर्थ यही हुआ की जीवन की उत्पत्ति के समय ऑक्सीजन गैस मौजूद नहीं था |
* फिर ये Animal KIngdom , Fungi Kingdom और Algae Kingdom में विभक्त हुए |
* बस यही क्रमिक विकास का नियम ही दोस्तों , सभी जीवधारियों की उत्पत्ति का कारण है |
चलिए एक उदाहरण से समझाता हूँ की जब सभी के पूर्वज एक थे तो सब जीव अलग अलग कैसे ? |
* मान लीजिये एक भूरे रंग का मेंढ़क हैं जिसके 10 बच्चे हैं , 9 बच्चे भूरे रंग के और 1 बच्चा हरा रंग का है ( म्युटेशन के कारण रंग परिवर्तन ) , अब चूँकि 9 बच्चे जो भूरे हैं , वो अपने रंग के कारण छुप नहीं सकते , एक सांप उनको खा देता हैं , पर हरा मेंढक को छुपने में आसानी हुई और वो बच गया |
इसका मतलब , उस परिवार में अब आगे के मेंढक भी हरे रंग के होंगे |
इससे ये समझ आया की जरुरी नहीं माता पिता जैसे हैं , वैसे उसके बच्चे भी होंगे |
* दोस्तों , Evolution कभी भी एक रेखीय नहीं होता , यह अरेखीय होता है , ऐसा भी हो सकता है की कुछ जीव जो पानी में रहते थे , धीरे से जमीन पर उनका क्रमिक विकास हुआ पर अनुकूलन ना होने के कारण , वापस पानी में चले गए हो |
जैसे आपने डॉल्फिन और व्हेल मछली का नाम सुना होगा , भले ही ये मछली हैं पर पानी के अंदर साँस नहीं ले सकते हैं , इन्हे साँस लेने के लिए पानी से बाहर आना पड़ता हैं | ये इंसानो से मिलते जुलते हैं |
* क्या आपको पता हैं , हम केवल नाम के इंसान हैं मतलब हमारे शरीर का केवल 43 % कोशिकाएं ही मानव कोशिका है , बाकि बैक्टीरिया , वायरस , fungi हैं |
* वैज्ञानिकों ने " Theory Of Evolution " को सही माना हैं , और इसके विपरीत शायद ही कोई थ्योरी हैं |
* हालाँकि कुछ लोग हैं जो दिखावे और राजनीति के चलते इस सिद्धांत को मानने से इंकार करते हैं , साल 2018 में केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने " डार्विन सिद्धांत को गलत बताया , और स्कूलों तथा कॉलेजों के पाठ्यक्रम से इसे हटाने की भी सिफारिश की थी |
तो आप समझ गए होंगे की हम सभी इंसान बाकि जीवधारियों से अलग नहीं हैं |
Badiya
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