क्या करोगे ज्ञान का ????
Hello Friends ,
मैं हूँ आर्यन और लेकर आया हूँ एक नया ब्लॉग जिसका टॉपिक है कुछ ख़ास |
तो आज हम बात करने वाले हैं ज्ञान और मूर्खता की |
अब आप बोलेंगे , रहने दे भाई हम दोनों के बीच का फर्क जानते हैं , इसमें नया क्या हैं ?
हाँ हो सकता है , इसका मतलब जानते होंगे पर मैं दावे से कह सकता हूँ , अधिकतर लोग इसका गलत मतलब जानते हैं | कैसे ? चलिए देखते हैं |
अगर मैं कहूं एक बच्चा जो अपनी दसवीं कक्षा में टॉप करता है , फिर बारहवीं में भी टॉप करता है , कॉलेज और आगे अपने मास्टर करियर में भी बहुत अच्छे नंबर लता है , फिर बढ़िया सी नौकरी , एक सुन्दर सी छोकरी , बढ़िया मकान , ज़िन्दगी पूरी तरह से सेट , फिर बुढ़ापा और एक दिन चैपटर ख़त्म |
आप कहेंगे अरे वाह , इसी का तो नाम है ज़िन्दगी , हम कब से यही तो चाह रहे हैं , पर मिल नहीं रहा है |
अपनी नज़र में वो लड़का एक ज्ञानी की श्रेणी में आ गया है , उस लड़के का उदाहरण दिया जाएगा की देखो कैसे तरक्की किया , पढाई में अव्वल , ज़िन्दगी में अव्वल , यही तो है ज्ञानी | हैं ना ?
पर अगर उसे मूर्ख कहा जाए तो ?
क्या आप सहमत होंगे ?
बिल्कुल भी नहीं , मुझे तो लग रहा है , आप अब से मेरा ब्लॉग पढ़ना बंद कर देंगे , पर रुकिए , कहानी अभी बाकि है |
चलिए एक और उदाहरण लेते हैं |
एक और बच्चा जन्म लेता है , पढ़ाई लिखाई करता है , पर अचानक एक दिन उनके दिमाग में कुछ ऐसा आता है , की उसकी पूरी ज़िन्दगी बदल जाती है |
वो अपने आप से एक प्रश्न करता है , की ये सब जो हो रहा है वो क्यों हो रहा है ? क्या इसी रास्ते में जाना सही है ?
क्या अभी की परिस्थिति यही मांग कर रही है ? ?
बस फिर क्या , यही इंसान फिर उस ज्ञान के रास्ते में निकल पड़ता है , और उन्ही का नाम होता है |
गौतम बुद्ध |
स्वामी विवेकानंद |
महात्मा गाँधी |
भीमराव अंबेडकर |
भगत सिंह |
आर्यभट्ट |
आइंस्टीन |
कबीर |
महावीर जैन |
जीसस |
पैगम्बर मुहम्मद |
गुरु नानक |
ऐसे कई सारे नाम है , जिन्होंने उस रास्ते से हटकर काम किये , जो बाकि लोग जीना चाहते थे |
इन व्यक्तियों ने एक पहले से तैयार रास्ते में जाने का अवसर को छोड़कर , उस रास्ते गए जो इनके लिए बिल्कुल नया था , हो सकता था खाली हाथ लौटना पड़ता पर कहते हैं ना ,
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती ,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती |
अब वापस आ जाइये अपने टॉपिक पे |
क्या इन सबके परिवार नहीं थे ? बिल्कुल थे |
कोई बहुत अच्छे परिवार में जन्म लिए थे , आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त |
कोई सामान्य परिवार से है , पर एक चीज़ है जो इन सबमें उभयनिष्ट ( Common ) था , और वो है , उस रास्ते से निकलकर सोचना जिस रास्ते में सभी चल रहे |
पर जैसा की मेरे इस पोस्ट का शीर्षक है , " ज्ञानी नहीं मूर्ख बनो " |
हम आज 21 वीं सदी में रह रहे हैं इसीलिए इसी की बात करते हैं |
आज हमारी शिक्षा पद्धति से लेकर हमारा समाज पूरी तरह इस शीर्षक को सहमति दे रहा है |
1 शिक्षा पद्धति :-
आजकल स्कूलों में वही बातें पढ़ाई जा रही जो हम स्कूलों के बाहर से भी सीख जायेंगे | बस ज्ञान के नाम पर सूचनाओं को ही हमारे दिमाग में भरा जा रहा है , कोई बच्चा अगर 10 वीं में 100 में से 90 ले आ रहा है , तो उसके पुरे खानदान के बारे में बताया जा रहा है , कोई किसी पद पर बैठ गया तो उसकी आने वाली पीढ़ी तक का भविष्यवाणी कर दे रहे हैं , पर जरा रूककर अपने आप से पूछो , जिस परीक्षा को पास करके जो सामने वाला इतना इतरा रहा है , क्या वो पहले से फिक्स नहीं है ?
जरा गूगल करो तो , उसमे लिखो " 10th question paper " और फिर देखो , जिस पेपर में 90 लाके तुम जो उड़ रहे हो , वो तो पहले से फिक्स था की आएगा ही आएगा |
जिस पद के लिए हुए परीक्षा में बैठे थे , उसका पूरा सिलेबस फिक्स है , प्रश्न आएगा ही आएगा |
बस अंतर इतना है की अगर आपमें उन सबको रटने की क्षमता है तो Topper कहलाओगे |
मैं सभी की बात नहीं कर रहा , पर अधिकतर ऐसे ही मिलेंगे आपको |
आपको क्या लगता है , बेरोजगारी का क्या कारण है ?
एक पीएचडी किया हुआ इंसान घर क्यों बैठा है ? क्या ज्ञान नहीं है ?
ज्ञान है , पर वो ज्ञान के नाम पर तुमको कुछ दूसरा पकड़ा दिया गया है |
एक इंसान 30 - 35 साल तक बस तैयारी ही कर रहा , बोल रहा मुझे मौका नहीं मिल रहा , उसमे इतना आत्मविश्वास तक नहीं की अपने घर से बाहर निकल कर कुछ सही काम कर सके |
जैसी परिस्थिति की मांग है , उसके अनुसार अपने आपको ढाल सके |
फिर किस बात की पीएचडी और किस बात का स्नातक ?
आज का युग भोगवादी युग है , पर जैसा की सभी को पता है , संसाधन की बचत ही एकमात्र उपाय है |
पर हो क्या रहा है ?
पढ़े लिखे लाखों लोग फेसबुक , इंस्टा , ट्विटर में बस बोल रहे Save Water , Save Trees , Save Earth.
गर्मी में बढ़िया सोफे पर बैठकर , कोल्ड ड्रिंक्स लेते हुए , पोस्ट डाल रहे :- " पानी बचाइए , प्यासे लोगों की प्यास बुझाइये " |
अब उनको यही नहीं पता की कोल्ड ड्रिंक्स में ही कितना पानी Waste हुआ है , और उनको कोल्ड ड्रिंक्स के नाम पर क्या -क्या केमिकल पीने को दे रहे हैं |
एक पढ़ा लिखा इंसान किसी राह चलते बाबा के पैरों में गिरकर बोल रहा की बाबा मेरी समस्या हल कर दीजिये |
तो फिर ठीक है , लगे हाथों अपने बाबा से Pollution भी कण्ट्रोल करा लो |
उससे ग्लोबल वार्मिंग भी कम करा लो |
अगर शिक्षा पद्धति इतनी ही मजबूत रहती तो आज किसी IAS के घर से करोड़ों रुपये ना निकल रहे होते |
एक शिक्षक , किसी भ्रष्टाचार वाले काम में लिप्त नहीं रहता |
2 . आचरण पुस्तिका :-
आपको क्या लगता है , ये सब मूर्ख बनाने वाले काम क्यों हो रहे ?
क्योंकि हमे एक आचरण पुस्तिका पकड़ा दी गयी है , और उसमे ऐसी बाते लिखी है :-
a . रोज़ पूजा करने वाला इंसान ही धार्मिक हो सकता है |
b . जो दान धर्म के काम में रहे वही महामानव है |
c . अच्छे इंसान तो बस अपना काम करते हैं , दूसरों से मतलब नहीं |
d . जो अपने बड़ों के सामने चुप रहे , उनकी बात माने वही सही इंसान हैं |
और भी ऐसे कई सारी चीज़ें हैं जो हमे सिखाई गयी है , पर हाँ एक काम है जो आप नहीं कर सकते |
और वो है " सवाल " |
अगर कुछ सवाल किया तो ये बद्तमीजी कहलायेगा |
क्लास में एक शिक्षक पढ़ा रहा है , जो पढ़ा दिए वही सही है , सवाल मत करना , करो भी तो सिर्फ वही पूछना जो उस पाठ के हिसाब से सही हो |
शिक्षक ने पढ़ा दिया , " अहिंसा परमोधर्मा " |
उनसे कभी पूछे की क्या आप अहिंसा को मानते है ?
या बस परीक्षा में 10 नंबर का सवाल आएगा अहिंसा के ऊपर तब इसी लाइन को चिपका देना है ?
एक बात बताना ,आजतक कितने ही लोग तुमको बोले होंगे की मंदिर जाओ , पूजा पाठ करो , घरों में पूरी दीवार , देवी देवताओं के चित्र से भर डालें हैं , कभी आपने ये पूछा की जिनकी पूजा करने को कहते हो , सिर्फ उनकी पूजा क्यों करे ? हम राम को क्यों पूजते है ? , कृष्णा को क्यों पूजते है ? कुछ तो सीख मिले ?
आज तक उन्होंने कभी गीता नहीं पढ़ी पर कृष्ण के मूर्ति की 16 श्रृंगार जरूर करेंगे |
ये मेरे बाल कृष्ण , ये मेरे युवा कृष्ण |
क्या कभी कृष्ण को उन्होंने सही मायने में जाना है ?
आज तक कभी रामायण नहीं पढ़ी , पर राम के नाम पर कोई कुछ बोल दे तो गुस्सा हो जायेंगे |
मैं यहाँ ये नहीं कह रहा की आज से पूजा करना बंद करो , मैं कह रहा , सवाल क्यों नहीं पूछते ?
धर्म क्या है ? सत्य क्या है ? पूजा करना क्या है ? कभी पूछे किसी से ? क्या कभी हमने जानने की कोशिश भी की ??
जिस घर में 33 कोटि देवी देवता को मान रहे वहां गीता और रामायण क्यों नहीं ? और अगर हैं तो पढ़ते क्यों नहीं ? पढ़ते हो तो अपने चरित्र में लाते क्यों नहीं ?
इन सबका कारण है , आचरण |
एक अच्छा इंसान अपने बड़ों की बात मानता है , लोगों के सामने सही आचरण करता है , अपने परिवार की जरूरतें पूरी करेगा , बस ?
3 . सुविधा क्षेत्र :-
अगर 100 बात की 1 बात बोलूं तो आज 10 में से 8 लोग आपको ऐसे ही मिलेंगे जो अपना सुविधा को छोड़ना नहीं चाहते , आज हम केवल अपने खुद के सहूलियत को देख रहे हैं , " अपना काम बनता , भाड़ में जाए जनता " |
अभी आपको जो इंसान बड़ी मेहनत करता दिखाई देगा , वो भी इसीलिए कर रहा की उसे बाद में Luxurious Life मिले |
एक इंसान की जरुरत बस उसके भौतिक वस्तुओं से ली जा रही है , भले उसके पीछे कितना ही दर्द छिपा हो |
आप अख़बार पढ़ते हैं ?
रोज़ आपको यही पढ़ने को मिलेगा की अमुक इंसान ने कुछ पैसों या किसी चीज़ की लालच में किसी को मार दिया , दूसरे क्या बल्कि खुद परिवार में ही ये सब देखने को मिल रहा |
हमने जानवरों का खाना छीन लिया है , अब वो इंसानी बस्ती में आ रहे है , कौन है ज़िम्मेदार ?
क्या बस कमरे के एक कोने में बैठकर ये बोलने से की " सरकार नकारा है , जानवरों को कैद नहीं कर रहे , वो इंसान की ही गलती होगी " क्या इसी से काम चल जाएगा ?
हम , जिन्होंने अपने सुविधा के लिए बाकि दूसरे लोगों और जानवरों को सताया है |
क्या ये लोग पढ़े लिखे नहीं रहते ? बिलकुल पढ़े लिखे हैं , पर वही बात है की सिर्फ पढ़े हैं , पर गढ़े नहीं हैं , ज्ञान के नाम पर रत्ती भर भी कुछ नहीं है |
4 . समाज :-
" Last But Not The Least " , हमारा समाज बहुत हद तक जिम्मेदार है |
समाज बनता है लोगों से , और जब लोग ही अज्ञानी है तो आने वाली पीढ़ी को क्या ही ज्ञान दे देंगे ?
आज बिल्कुल ऐसा है , कोई अगर कुछ धर्म ग्रंथों , आध्यात्मिकता की बातें कर ले उसको " बाबा " , " साधु " , " सन्यासी " बोलना चालू कर देंगे , उसका मज़ाक उड़ाएंगे | एक बात बताओ ज्ञान की प्राप्ति के लिए कुछ बनने की जरुरत है ? , कई लोग ऐसे हैं जो बोलेंगे , कुछ बन जाये फिर हम दर्शन पढ़ेंगे , आध्या त्मिक ग्रन्थ पढ़ेंगे , व्यक्तित्व विकास पर ध्यान देंगे , समाज सुधार के कार्य करेंगे | ये सब चीज़ें आपको सही मायने में इंसान बनाती है , पर हमारा समाज ही ऐसा बन गया है , एक गंभीर व्यक्तित्व को मज़ाक उड़ाएंगे ही |
आप गीता पढ़ना शुरू कर दो , देखने वाले बोलेंगे देखो एक नया सन्यासी पैदा हो गया , पर उनको क्या पता " गीता " सिर्फ एक पुस्तक नहीं , ये पूरा जीवन है |
आपका जीवन कम पढ़ जाएगा इसे पूरी तरह समझने में |
समाज भी ऐसे है की केवल वही बाबा की बात सुनेंगे जो कुछ चमत्कार दिखाए , हवा से सोना ला दे , बिमारी को ठीक कर दे , आपका भविष्य बता दे इत्यादि |
उसी को धार्मिक बोलेंगे जो तिलक लगाया हो , माला पहना हो , धार्मिक जगह जाये , इत्यादि |
बोलने को तो ऐसे कई सारे लोग मिल जायेंगे , " अन्न का अपमान नहीं करते , खाना बर्बाद मत करो |
फिर यही लोग किसी फंक्शन में जाए तो इनकी थाली देखिये , पुरे भारत की वैराइटी इन्ही के थाली में मिलेगी |
Solution :-
अब बात तो हुई समस्याओं की , तो इन सबका समाधान क्या है ?
समाधान बस यही है दोस्तों की अपने आप पर रोज़ मेहनत कीजिये , खुद को ऊँचा उठाने के लिए ,
आप सही किताबें पढ़िए
बाहर प्रकृति की गोद में जाइये
नए Skill सीखिए
चीज़ों का तर्क के आधार पर चिंतन करिये
नयी जगह घूमिये
नए और सही लोगों से रिश्ता बनाइये ,
और हाँ सबसे जरुरी बात , " सवाल " करिये | दूसरों से और अपने आप से भी |
आज की जरुरत यही है की , परिस्थिति की मांग के अनुसार कार्य करे , ना की वही घिसी पीटी ज़िन्दगी जीते रहे |
ये नहीं की ......
जनम लेना , पढ़ाई , पैसा कमाना , शादी , बच्चे , उनकी परवरिश , और मर जाना |
देखा आपने मैंने भी कई लोग का भविष्य बता दिया , वो भी पुरे जीवन का ।।।। ( Jokes Apart ) 😃😃😃😃
और याद रखिये " ज्ञानी बनना है , मूर्ख नहीं " |
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एक ही ज़िन्दगी मिली है , ऐश करो |||
Very nice knowledge...verma sir
ReplyDelete🙏🙏🙏
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