कोरोना वायरस , धरती के लिए वरदान ???
हैल्लो फ्रेंड्स ,
पुरी दुनिया में जहाँ कोरोना वायरस (COVID 19) के चलते त्रासदी मची हुई है , वही अगर हम इसके सकारात्मक पहलुओं पर विचार करे तो क्या आपने ये देखा या महसूस किया है की प्रकृति ने अपना असली रूप दिखाना शुरू कर दिया है |
SAFAR जो भारत देश की एक संस्था है , जो भारत देश की विभिन्न राज्यों एवं शहरों के वायु गुणवत्ता की माप करता है | इसे ( AIR QUALITY INDEX ) भी कहते है , इस संस्था के नवीन रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में भारत में लॉक डाउन होने से वायु प्रदुषण में बहुत ही गिरावट आयी है , और यह हमारे लिए बहुत ख़ुशी की बात है |
सफर ( SAFAR ) क्या है ? -
SAFAR का पूरा नाम ( SYSTEM OF AIR QUALITY AND WEATHER FORECASTING AND RESEARCH ) है , जो भारत देश के पुणे शहर में स्थित है | यह संस्था भारत देश के शहरों की वायु की गुणवत्ता की माप करती है , और समय - समय पर अपनी रिपोर्ट पेश करती है | इस संस्था ने मुख्य 8 प्रदूषकों PM10, PM2.5, NO2, SO2, CO, O3, NH3, और Pb के सांद्रण को वायुमंडल में उपस्थिति के आधार पर माप करती है | तथा विभिन्न पैमानों के आधार पर वायु प्रदुषण का स्तर मापती है |
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इसे मुख्य 6 क्ष्रेणी में बांटा गया है -
1 GOOD -: 0-50
2 SATISFACTORY -: 50-100
3 MODERATE -: 101-200
4 POOR -: 201-300
5 VERY POOR -: 301-400
6 SEVERE -: 401-500
कुल 8 प्रदूषकों का स्तर निचे दिया गया है -
AQI INDEX |
या
SAFAR INDEX की माने तो दिल्ली में प्रदुषण का स्तर बहुत कम हुआ है , और दिल्ली ही नहीं बल्कि भारत देश के कई ऐसे शहर है जहाँ प्रदुषण का स्तर कम हुआ है , जो हमारे लिए बहुत अच्छी बात है | हम उन सभी लोगो के लिए प्रार्थना करते है जो इससे पीड़ित है , परन्तु इस स्थिति को हम धरती के एक नवीन रूप के रूप में देख सकते है अगर दिल्ली की बात करे तो यहाँ AQI INDEX प्रदूषक PM10 के रूप में 100 के करीब है जबकि अन्य स्थितिओं में यह 150 के करीब पहुँच जाता था |
वहीँ पुणे की बात करे तो AQI INDEX 70 -75 के बीच रहा है |
मुंबई का AQI INDEX पुणे से भी कम 60 -70 रहा है |
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ओजोन परत ठीक का होना -
ओजोन परत ठीक का होना -
नवभारत टाइम्स के 27 मार्च के रिपोर्ट के अनुसार ओजोन परत की हीलिंग प्रक्रिया शुरू हो गयी है , हालाँकि लॉक डाउन का सीधा असर नहीं बोला जा सकता परन्तु प्रदुषण स्तर कम होने से इस प्रक्रिया में तेज़ी हुई है | सन 1980 में पता चला था की ओजोन परत में छेद होना शुरू हो गया है , परन्तु अब वही परत धीरे धीरे भर रहा है | ये एक सिग्नल है की हमे ऐसे ही अपने जरूरतों को कम करना चाहिए |
ओजोन परत क्या है ? -
ओजोन परत वायुमंडल की एक परत है जो सन्ताप मंडल में पाया जाता है और सूर्य से आने वाले पराबैगनी विकिरणों का 90 से 95 प्रतिशत अवशोषित कर लेता है , अगर ये परत नहीं होती तो इन विकिरणों से हमे कैंसर , पेड़ पौधों को नुकसान , इत्यादि समस्याएं भी हो सकती थी , परन्तु प्रदूषण के कारण इस परत में छेद हो चूका है , जो हमारे लिए बहुत ही हानिकारक है |
OZONE LAYER |
लॉक डाउन के फायदे -
1 खर्चे कम हुए -
अब लॉक डाउन होने से आप कहीं बाहर नहीं जा पा रहे , जिससे आपके खर्चे कम हो रहे है , अब आप खुद सोच लीजिये की क्या पहले के खर्चे आपके लिए महत्वपूर्ण थे ? आप अभी भी उन चीज़ों के बिना रह रहे है |
2 परिवार और खुद के लिए समय निकालना -
दोस्तों अब आप अपने आप को भी समय दे पातें है और अपने परिवार को भी जो बेहद ही जरुरी है , अब आपको इसका एहसास हुआ |
3 कुछ नया सीखना -
अब आप घर पर रहके नयी नयी चीज़ों के बारे में जान पा रहे है , और अपने अनुसार उपयोग भी किये जा रहे है |
4 धरती की खूबसूरती का निखरना -
सबसे जरुरी बात यही है दोस्तों की मोटर गाड़ियों के न आने जाने से पर्यावरण की प्रदूषण स्तर को कम होते हुए देखा जा रहा है | और यह पूरी मानव जाति , सजीवों दे लिए अत्यंत ही ख़ुशी की खबर है | अब हमे पक्षियों के चहचहाने की आवाज़ सुनाई देती है , समुन्दर में मछलियों का तैरना दिखाई पड़ता है , आसमान नीला दिखाई देने लगा है |
तो क्यों न ऐसा हम अपने आने वाले भविष्य के लिए कर दिखाए ?
तो क्यों न ऐसा हम अपने आने वाले भविष्य के लिए कर दिखाए ?
दोस्तों क्या ये कोरोना प्रकृति के द्वारा ही अपने आपको परिवर्तन करने के उद्देश्य से फैलाया तो नहीं गया है ? , पिछले कुछ महीनो को देखे तो हमने बहुत सारी आपदाएं देखी जिससे प्रकृति को बहुत नुकसान हुआ मगर मानव जाति ने तनिक भी ध्यान नई दिया , अमेज़न के जंगलों में आग से प्रदुषण का स्तर बहुत बढा , परन्तु मानव ने कुछ नहीं किया , उसके बाद ऑस्ट्रेलिया में भी जंगलों में आग लगी परन्तु विशेष ध्यान नहीं मिला , तो प्रकृति अब खुद से सब ठीक तो नहीं कर रही है ?? क्या प्रकृति हमे कुछ सन्देश तो नहीं दे रही है ?
क्या हमे अब प्रदुषण कम करने के उपाय को उपयोग में लाना चाहिए ?
अमेज़न रेन फ़ॉरेस्ट में आग -
अगस्त 2019 में अमेज़ॉन के रेन फारेस्ट में आग लगी थी । आपको बता दु की इस रेन फारेस्ट को धरती का फेफड़ा भी कहा जाता है । इस में जो आग लगी वो 10 सालों में लगने वाली सबसे बड़ी आग थी , आजतक टाइम्स के अनुसार 9 सालों में पहली बार इतनी अधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन हुआ था ।
जो भी हो पर हमे सीखना चाहिए की प्रकृति के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए , नहीं तो प्रकृति खुद अपने आपको ठीक करेगा और हम सबको भुगतना पड़ेगा |
प्रदूषण कम करने का लॉक डाउन ही एक उपाय नही है , बल्कि ये एक सिग्नल है कि प्रदूषण कम हो सकता है अगर हम सिर्फ जरूरत में ही वाहनों का उपयोग करे। और फ़िज़ूल का इधर उधर ना घूमे ।
घर पर करे ये काम -
1 अपने समय का उपयोग अच्छे कार्यों में करे |
2 विद्यार्थी अपनी पढाई जारी रखे |
3 परिवार के साथ भी समय व्यतीत करे |
4 वृक्षारोपण अधिक से अधिक करे |
5 कोरोना से लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहे , साबुन से हर 1 घंटे में , 1 मिनट तक हाथों को धोये |
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Ek dm sahi hai💙💙💓
ReplyDeleteRight👍
ReplyDeleteBadiya...👌👌
ReplyDeleteVary nice
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