क्या समय यात्रा संभव है ?
Is time travel possible ??
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समय यात्रा |
हेलो दोस्तों , आज का ब्लॉग पढ़ने के लिए आपको विज्ञानं की थोड़ी समझ होनी चाहिए , क्योंकि इस ब्लॉग में दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण थ्योरी के बारे में बताया गया है | दोस्तों पृथ्वी को अब तक 4. 5 बिलियन हो चुके है , हमने अब तक नए नए प्रयोग किये , कई चीज़ों का अविष्कार किया , कई थ्योरी दिए और पृथ्वी तथा इसमें उपस्थित वस्तुओ के बारे में जानकारी इकट्ठी किये , परन्तु मानव ने कभी रुकना नहीं सीखा , पृथ्वी के बाद उसने उसके बाहर की चीज़ों को जानना शुरू किया और ब्रह्माण्ड में छलांग लगाते गया | हमने जाना की सूर्य हमारे सौर मंडल के केंद्र में स्थित है , सभी ग्रह इसकी परिक्रमा करते है | आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की सूर्य की पृथ्वी से दुरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है , वही चाँद की दुरी 3,84,000 किलोमीटर है , सूर्य के बाद proxima centauri सबसे नजदीक का तारा है जो हमसे 4.34 प्रकाश वर्ष दूर है |
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प्रोक्सिमा सेन्टौरी |
प्रकाश वर्ष लम्बी दुरी को मापने की इकाई है , 1 प्रकाश वर्ष 9.46 *10^ 12 किलोमीटर के बराबर होता है , प्रकाश एक वर्ष में यह दुरी तय करती है , इसका मतलब है उस तारे के प्रकाश को पृथ्वी तक आने में करीब 4 .34 वर्ष लग जाते है ,प्रकाश की चाल 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड है |
हमारा सूर्य इतना बड़ा है उसमे 13 लाख पृथ्वी एक साथ समां सकती है अब आप अंदाजा लगा सकते है की हम सौरमंडल में कितने छोटे से जगह में रहते है | परन्तु पृथ्वी ही एक मात्रा ऐसा ग्रह है जहा जीवन के अनुकूल सभी चीज़ें है जैसे हवा , पानी , मिटटी , पेड़-पौधे इत्यादि | इसीलिए कहते है की पृथ्वी पर मिली सभी चीज़ों को अनावश्यक बर्बाद या प्रदूषित न करे , तभी पृथ्वी पर जीवन रह सकेगा |
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सौर मंडल |
विज्ञानं में अगर प्रायोगिक तौर पर कोई क्रिया न हो तो सैद्धांतिक तौर पर उसके नियम तथा थ्योरी दिए जाते है , परन्तु यह थ्योरी झुठलाए भी नहीं जा सकते |
एक ऐसी ही थ्योरी है समय यात्रा की , अर्थात हम अपने भूत कल या भविष्य कल में जा सकते है या फिर किसी अन्य ब्रह्माण्ड में गति कर सकते है | आप सोचिये सबसे नजदीक का तारा हमसे कितना दूर है , वह हमे जाने में लगभग 4 साल लगेंगे , परन्तु उसके लिए हमे प्रकाश की स्पीड से जाना होगा जो की आइंस्टीन के थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी के अनुसार प्रकाश की गति से गमन करना असंभव है |
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अल्बर्ट आइंस्टीन |
चलिए समय यात्रा सुरु करने से पहले एक थ्योरी को जान लेते है , वो है भौतिकी के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की 1905 में दिए General Theory Of Relativity , जिसके अनुसार गुरुत्वाकर्षण का मतलब कोई बल नहीं बल्कि उस वास्तु के द्वारा हमारे स्पेस टाइम मं हुए टेढ़ापन के कारण ऐसा होता है , इसे आप किसी भारी वस्तु के द्वारा एक तने हुए कपडे में हुए गड्ढे के समान समझ सकते है , वस्तु जितना भारी होगा उतना ही जयादा गड्ढा बनेगा और उसी प्रकार गुरुत्वाकर्षण बढ़ेगा | अब ब्रह्माण्ड की बात करे तो उस तने हुए कपडे के जगह हम स्पेस टाइम को लेते है , स्पेस टाइम का अर्थ उस एक मॉडल से है जो 3 विमाओ वाले स्पेस और 1 विमा के समय अर्थात टाइम को 4 विमाओ वाले मॉडल में बदलता है , जहाँ समय और जगह अचर न होकर चर है |
अर्थात समय और जगह जो एक वस्तु के लिए निर्धारित है वो जरुरी नहीं दूसरे के लिए भी हो |
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space time |
दोस्तों क्या आप जानते है की अगर आप स्पेस में प्रकाश की चाल करेंगे तो आपकी उम्र बहुत कम हो जाएगी उनके मुकाबले जो धरती पर है , इसे भौतिकी पढ़ने वाले विद्यार्थी भली भांति जानते है , पर इस चाल से किसी यान को चलाना अभी के लिए असंभव है क्योंकि उतनी ऊर्जा ही नहीं है हमारे पास जो यान को चलाए | अब अगर हमे ब्रह्माण्ड में यात्रा करनी हो तो कैसे करे ?
दोस्तों जब आइंस्टीन के दिए हुए थ्योरी के समीकरण को हल करे तो हमे मिलता है एक ऐसी चीज़ जिससे हम ब्रह्माण्ड में बिना किसी स्पीड ऑफ़ लाइट में गति किये पहुँच सकते है वो भी काम समय में , या इस ब्रह्माण्ड के एक जगह से दूसरे जगह या ये भी हो सकता है हम ब्रह्माण्ड के दूसरे किनारे पर पहुँच जाए |
ब्रह्माण्ड में उस होल को जिससे हम ब्रह्माण्ड में एक जगह से दूसरे जगह आसानी से और जल्दी पहुँच पाए उस होल को कहते है वर्महोल ( WORMHOLE ) |
इसे आइंस्टीन रोसेन ब्रिज भी कहा जाता है |
वर्महोल हमारे ब्रह्माण्ड में उपस्थित वे होल है जिसके 2 सिरा होते है एक सिरा एक जगह और दूसरा सिरा दूसरे जगह खुलता है , यह ब्रह्माण्ड में गति के लिए शॉर्टकट रास्ते होते है , जिससे हम कई लाख प्रकाश वर्ष की दुरी तय कर सकते है |
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वर्म होल |
पर जैसा ऊपर बताया जा चूका है ये केवल एक कल्पना मात्र है , वैज्ञानिको के अनुसार हमारे ब्रह्माण्ड में वर्महोल तो है पर वो इतने छोटे है की हमारा जाना मुश्किल है , इसकी साइज लगभग 10–33 centimeters. है |
अब सवाल ये है क्या वर्महोल कभी बड़े होंगे ? क्या समय यात्रा संभव है ? इसके 2 सम्भावनाये है जिसमे हम वर्महोल के जरिये गमन कर सकते है |
1. जब से हमारा ब्रह्माण्ड बना है यह फ़ैल रहा है , हम सभी ब्रह्मांड में दूर जा रहे है , तो हो सकता है की वर्महोल भी फैले और इससे इसका आकर इतना विशाल हो जाए की हम उसमे से होके जा सके |
2 दूसरी सम्भावना है की हम वर्महोल में कुछ ऐसे मटेरियल को रख दे जिससे वो फ़ैल जाए , वैज्ञानिको के अनुसार Exotic Matter ऐसा पदार्थ है जिससे वर्महोल फ़ैल जाएंगे , क्योंकि इनके कणो के मध्य प्रतिकर्षण बल लगता है , यह हमारे पृथ्वी मैटर से पूरी तरह अलग है , शायद इसी काऱण हमारा ब्रह्माण्ड का भी विस्तार होता जा रहा है | परन्तु ऐसा मटेरियल अभी हमे नहीं मिला है जिसका उपयोग इस हेतु कर सके | ये केवल ह्य्पोथेटिकल मैटर है |
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एक्सोटिक मैटर |
परन्तु भविष्य में हो सकता है ऐसा मटेरियल हमे मिल जाए या फिर ऐसा कोई वर्महोल मिल जाए जो बहुत ही विशाल हो और जिससे हम ब्रह्माण्ड में शॉर्टकट रास्ता बना के कई लाखों प्रकाश वर्ष की दुरी को तय कर ले |
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Good 👍👍
ReplyDeleteMaja Aa Gya 👌👌👌😍😍
ReplyDeleteGood😊
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