मैं संतुष्ट हूं ????
Hello friends
मैं हूं आर्यन , और लेकर आया हूं एक नया ब्लॉग जिसका टॉपिक कुछ खास है , और यकीन मानिए ये बातें जो होने वाली है , उसका 99% भाग आप सभी पे लागू होता है , तो चलिए शुरू करते हैं।
फ्रेंड्स इस ब्लॉग का टाइटल देख के आप समझ गए होंगे , की हम किस चीज के बारे में बात करने वाले है , जी हां हम बात करने वाले है , Satisfaction के बारे में ।
अगर मैं आपसे एक Question करूं , की अभी अगर आपको पता लगे की आप इस दुनिया से जाने वाले हैं , पर आपके पास 2 choices भी हैं -
1 . आप चाहो तो रुक सकते हो।
2. आप चाहो तो जा सकते हो ।
तो आपका उत्तर कौन सा होगा ?
अधिकतर लोगों का उत्तर ऑप्शन नंबर 1 ही होगा , पर क्यों ।
क्या इसका जवाब आपके पास है ?
जी हां आपके पास जवाब है , जो ऐसे हो सकते है -
1. अरे अभी तो पूरी जिंदगी बची है जीने को ।
2. अरे अभी तो जॉब भी नही लगा है ।
3. अगर जॉब लग गया हो तो , अभी तो पैसे कमाने है।
4. पैसे भी आ गए तो , शादी बची है , फैमिली बनानी हैं ।
5. फैमिली भी बन गई तो उनका भविष्य कौन देखेगा ?
और ऐसे कई सारे चीज़ें आपके दिमाग में आ रही होंगी , अब मैं ये नहीं कह रहा की ये सब बातें सोचना बंद कर दीजिए , बल्कि ये कह रहा की जिंदगी भर आप अपने ही बारे में सोचते रह गए तो बाकी काम कब करोगे ?
एक ही जिंदगी में क्या कर डालोगे ?
फ्रेंड्स , जिंदगी एक ही मिली है , इसी जिंदगी में आप सब काम कैसे कर सकते हो ?
क्या हमे Satisfaction मिल सकती है ?
आइये देखते हैं , की इन सब चीज़ों की शुरुआत कहाँ से होती है |
तो शुरुआत होती है , हमारे बचपन से , अक्सर हमे यहीं कहा जाता है - ज़िन्दगी एक रेस की तरह है , अगर तेज़ नहीं भागोगे तो हार जाओगे , है न ?
पर मैं आपसे पूछता हूँ , क्या ये रेस दूसरों से है ? , खुद से नहीं ?
पहले हमे खुद से जितना है , फिर दुनिया जितने की बात होगी |
एक आसान से उदाहरण से समझाता हूँ -
आपमें में से कितने को बाइक चलानी आती है ? बहुत से लोगों को आती ही है , इसका मतलब आप बाइक चलाने में सफलता हासिल कर लिए , अब अगर आपको किसी विदेश में बाइक चलानी हो हममें से कई लोग नहीं चला पाएंगे , शुरुआत में बहुत दिक्कत होगी , क्योंकि वहां ट्रैफिक राइट हैंड मैं चलती है , जबकि भारत में लेफ्ट हैंड चलती है , नीचे की फोटो में आप देख सकते है , राइट हैंड साइड ट्रैफिक वाले देश बहुत सारे है |
इसका मतलब क्या हुआ , जिस चीज़ में हम माहिर थे , वो जगह बदलने पर शून्य हो गया |
तो आप ही बताइये , हम कैसे कह सकते है , की कोई चीज़ स्थाई तौर पर रहेगी |
ये एक ही उदाहरण है , ऐसे कई सारे उदाहरण हैं , जिससे हमे लगेगा की हम कहाँ भाग रहे हैँ |
एक और अनुभव से हम समझ सकते है -
आजकल किसी चीज़ को करने का जूनून लोगों में बहुत दिखता है , अब ज़माना है मोबाइल का , फेसबुक , ट्विटर , व्हाट्सएप्प , इंस्टाग्राम का , लोग एक दूसरे को देख रहे है , कोई कहीं घूमने चला गया , उसने फोटो और वीडियोस अपलोड कर दी , कहीं होटल में खाने चले गए , उसे अपलोड कर दिए , बात है दिखावे की | आजकल हम एक दूसरे से आगे बढ़ने के चक्कर में दिखावे की दुनिया में बहुत अंदर तक चले गए है , अब स्थिति ऐसी हो गयी है , कोई भी टुच्चा इंसान , एक बार खांस भी दे तो स्टेटस डाल रहा " Filling Sick " .
ऊपर Feeling का स्पेलिंग गलत है , अब स्टेटस डालने वाले को तो दिखाना है न की उसे अंग्रेजी आती है |
हम अब किसी भी पल को महसूस ही नही कर रहे है , जैसे ही कुछ अच्छा लग रहा , तुरंत मोबाइल निकालकर फोटो अपलोड कर रहे , तो आप ही बताइए , कहां से हम अपनी लाइफ में कुछ भी संतुष्टि के साथ कर पाएंगे ?
एक और अनुभव की बात है , किसी व्यक्ति के किसी दोस्त ने किसी चीज की पढ़ाई शुरू कर दी , या कुछ चीज जो नया हो उसे शुरू किया तो अब उसे भी वो चीज में जाना ही है , जैसे कोई कहीं घूमने चला गया तो उसको भी वही जाना है , किसी कोर्स को स्टार्ट किया तो उसे भी वही करना है , उसने ये नया मोबाइल लिया तो मुझे भी लेना है , बिना अपनी बुद्धि का उपयोग किए मूर्खों की तरह बस नकल ही करना है , हम संतुष्टि से कोसों दूर आ गए हैं ।
आजकल एक नया ट्रेंड चल रहा , मोटिवेशन का ।
कोई काम की शुरुआत करनी है तो थोड़ा मोटिवेशन की जरूरत होती है , अब मोटिवेशनल स्पीकर का तो काम ही है , आपको हवा में उड़ाने का , और आप उड़ गए।
12 कक्षा तक ले दे कर पास होने वाला एक मोटिवेशनल वीडियो देख कर , चला गया कंपटीशन एकेडमी , PSC की तैयारी करने ।
भाई तुझे नही पता की तू किस लेवल का आदमी है ?
पहली बात यही है , पहले खुद को पहचानो , कौन हो तुम , तुम्हारी ताकत किसमे है ? , कौन से काम है जो खुद को और दूसरों को सही रास्ते पे ले जाए , फिर अपना काम करो ।
आजकल कुछ तथाकथित बुद्धजीवी लोग नौकरी को लेकर ये बात करते रहते है , पहले एक नौकरी ले लो , फिर उसमें रहकर दूसरे नौकरी की तैयारी करो ।
हां मतलब तुम जिंदगी भर एग्जाम ही दिलाते रहो , और कोई काम ना करो , है ना ?
जितनी भी ऊपर बातें कही मैने , वो सब एक ही जगह खत्म होती है , और वो है संतुष्टि ।
दोस्तों यही मान कर चलो , तुम जहां हो अपने best जगह पर हो , दुनिया में ऐसे भी लोग हैं , जो आपकी जगह आने का सपना देख रहे , कुछ भी करो , संतुष्टि रखो।
नौकरी में सैलरी मिल रही , जितनी है , संतुष्ट रहो।
बल्कि ये सोचो कैसे उन पैसों से में दूसरों का कुछ अच्छा कर सकता हूं , जब तक खुद का सोचोगे , हमेशा दुखी रहोगे ।
दुनिया में ऐसे भी बच्चे है , जो अकेले है , कई लोग है जिन्हे कोई सहारा नहीं , आप उनका साथ दे सकते है । हमारे आसपास कई जानवर घूमते रहते है , उन्हें हमारे प्यार की जरूरत है , उनमें प्यार बांटिये।
खुद में संतुष्टि रखिए , जो भी Extra चीजें है वो सब दूसरों में बांटिए।
खुशी बांटोगे , तभी खुशी मिलेगी।
और एक अंतिम बात फ्रेंड्स , ठण्ड का मौसम आ गया है , खुद के लिए स्वेटर लोगे ये तो मुझे पता है , पर एक चीज़ जरूर करियेगा , पुराने कपड़े किसी जरूरतमंद को दे दीजियेगा , और जरूरतमंद में सिर्फ इंसान नहीं जानवर भी आते हैं |
तो फ्रेंड्स कैसा रहा ब्लॉग ?? कमेंट कर बताइयेगा |
THANKS FOR READING.......
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Bahut hi achha..👌👌
ReplyDeleteVery nice.. thought changing ...mind changing..super
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