Happy Birhthday nature |||||
प्रकृति को जन्मदिन मुबारक हो |
हैल्लो फ्रेंड्स ,
वैसे मुझे ये बताने की जरुरत तो नहीं की आज क्या है , आप सभी जानते है की आज विश्व पर्यावरण दिवस है , 5 जून को पुरे विश्व में पर्यावरण दिवस मनाया जाता है , पर दोस्तों इसे हम एक अलग नज़रिये से भी देख सकते है | कोरोना वायरस के कारण पुरे देश में राष्ट्रीय lockdown हुआ था जो लगभग 68 दिनों तक चला , इस lockdown के दौरान हमने देखा की कैसे हमारा पर्यावरण अपने वास्तविक रूप में आ रहा था , या ऐसे कहे की अपने आपको वापस तंदरुस्त कर रहा था | और अब 3 - 4 दिन पहले lockdown 80 प्रतिशत तक ख़त्म हो चूका है , सभी कार्य वापस अपने रास्तें में आ गया है , और आज 5 जून को हम पर्यावरण दिवस मना रहे तो क्या हम इसे हमारी पृथ्वी , हमारी प्रकृति , हमारा पर्यावरण का जन्मदिन नहीं बोल सकते है ?
हम ये कह सकते है की हमारा पर्यावरण अब वापस शुरुआत करने जा रहा है , 3 महीने के पहले हमने इसके साथ क्या किया ? ये मान के चलिए की हमारी पृथ्वी 3 महीने पहले ही ख़त्म हो गयी है , अब जो प्रकृति हमारे पास है वो उसका नया जन्म है , अब हमे ये तय करना है की क्या हम अब भी वही करेंगे जो सालों से करते आये है ?
या अपनी नयी पृथ्वी को वापस अपने मूल रूप में लाएंगे ?
यकीन मानिये धरती से खूबसूरत कुछ नहीं है , अगर यकीन न हो तो कल सुबह उठते ही आप उगते हुए सूरज को देखना , आपमें इतनी ऊर्जा आ जाएगी की आप बयां नहीं कर पाएंगे , कर के देखिएगा |
फ्रेंड्स साइंस एंड टेक्नोलॉजी अपनी जगह है , उन्नति जरुरी है पर वो किस कीमत पर मिले ? हमारी पृथ्वी की कीमत पर ? क्या आपको ऐसा विकास चाहिए ? आप में से सभी का उत्तर * नहीं * में आएगा | मैं ये नहीं कह रहा की अब से गाड़ी चलाना छोड़ दीजिये , फैक्ट्री चलाना छोड़ दीजिये , बाहर निकलना बंद कर दे , ऐसा नहीं है | अंग्रेजी में एक कहावत है ** excess of anything is bad ** अर्थात किसी भी चीज़ की अधिकता बुरी होती है |
फैक्ट्री चलाइये , वाहन चलाइये , जल का उपयोग करे , परन्तु एक सीमा में , जिससे हमारी प्रकृति भी खुश रहे |
एक रिपोर्ट के अनुसार अगर हम अमेरिका जैसे जीवन जीना चाहते है तो उसके लिए हमे 5 पृथ्वी चाहिए , और वही अगर हम हमारे भारत देश की तरह सामान्य जीवनशैली अपनाये तो 0.7 यानि 1 पृथ्वी के बराबर भी नहीं , बस इतनी पृथ्वी में हमारी सभी जरुरत पूरी हो सकती है |
दोस्तों हमे प्रकृति से मिली चीज़ों का कोई मोल नहीं लगता क्योंकि ये सब के लिए प्रकृति हमसे कोई पैसा नहीं मांगती , पर यकीन मानिये अगर पैसा से ये सब मिलता तो अम्बानी और बिलगेट्स की संपत्ति भी इसके आगे कुछ नहीं होती , क्या आप इसे आगे भी मुफ्त का चाहते है ? तो फिर आपको कुछ बातें अब से अपने जीवन में लानी पड़ेगी , तभी ऐसा हो पाएगा |
आइये कुछ आकड़ें देखते है जिससे आपको सब समझ में आ जाएगा की हमे क्या चीज़े करनी है क्या नहीं |
1 - बचत की भावना रखना।
फ्रेंड्स हम अपने कमाए हुए पैसे बैंक में रखते है ताकि वो सुरक्षित रहे , और बाद में हमारे काम आये , तो क्यों न प्रकृति द्वारा दिए चीज़ों का भी बचत करे ?
एक रिपोर्ट में लिखा था भारत देश में आबादी अमेरिका से लगभग 4 गुना ज्यादा है , परन्तु ईंधन की खपत 16 गुना कम है , इसका मतलब अमेरिका वाले हमसे ज्यादा ईंधन उपयोग करते जबकि उसकी उतनी जरुरत नहीं है | हमें जल , वायु , जमीन ये 3 मुख्य उपहार पृथ्वी से मिले है जिसकी बचत करना बेहद ही आवश्यक है |
2 - व्यर्थ जमीन का उपयोग |
अगर हमारे घरों में जमीन खाली पड़ी है तो इस पर हम सब्जियाँ , पेड़ उगाकर उसका उपयोग कर सकते है , वैसे हम भारतीय इस मामले में दुनिया से बहुत आगे है , ये अच्छी बात है पर हमे और ज्यादा पेड़ लगाने को जरुरत है |
3 - recycle की आदत |
अक्सर चीज़ों के उपयोग के बाद उसे फेंक दिया जाता है , परन्तु इससे हम कुछ अन्य चीज़ें भी बना सकते है जिससे अनावश्यक कचरा न फैले |
4 - खाने की बर्बादी |
हमारा भारत देश कृषि प्रधान देश है , यहाँ खाने की उतनी कमी नहीं परन्तु हम में उसे व्यर्थ गंवाने की भी आदत है , पूरी दुनिया में खाने का आधा हिस्सा पूरी तरह व्यर्थ जाता है , इसे इधर उधर फेकने से उससे ग्रीनहॉउस गैसे निकलती है , जो हमारी पृथ्वी के 25 प्रतिशत ग्रीनहॉउस गैस के लिए जिम्मेदार है , अक्सर शादी , पार्टी इत्यादि में खाना पूरी तरह व्यर्थ जाता है , लालच में तो खाना को प्लेट में डाल लेते है परन्तु खा नहीं पातें |
5 - हफ्ते में एक दिन पूर्ण lockdown |
फ्रेंड्स आपको नहीं लगता की अब से सप्ताह में एक दिन पूर्ण lockdown होना चाहिए , जिससे हमारी प्रकृति को वापस स्वच्छ होने के लिए समय मिल सके |
तो ये सब थी long term goal जिनका पालन हमे बड़े पैमाने पर करना है , परन्तु एक व्यक्ति विशेष के लिए भी कई सारी चीज़ें है जो वो कर सकता है जैसे -
1 .प्लॉगिंग ( plogging )।
अर्थात जब भी आप सुबह सुबह जॉगिंग में जाये तो रास्ते में पड़े प्लास्टिक , बोतल , कांच इत्यादि को एक झोले में भरते जाए , दौड़ते हुए बार बार झुकने से सेहत पे अच्छा असर भी होता है , ये साइंस भी मानता है |
2 . बिजली बचाना |
अक्सर घरों में बेवजह पंखे , टीवी , लाइट , ये सब चालू कर देते है तो इसे भी समय रहते बंद करे |
3 . तुलसी का पौधा |
हम सभी जानते है की तुलसी के पौधे में ज्यादा ऑक्सीज़न देने की क्षमता होती है , इसीलिए घरों में इसे रखते है परन्तु दोस्तों , सिर्फ एक पौधा से काम नहीं चलेगा , आप चाहे तो अपने घर पर अधिकतर जगहों में इसे लगा सकते है |
4 . हर हफ्ते 4 पौधे लगाना |
सप्ताह में एक दिन आप 4 पेड़ लगाइये , अब बात आती है उतनी जमीन नहीं है , तो ऐसा करे की पेड़ को सिर्फ अपने जमीन पर न लगाए बल्कि गावों , शहरों में जहाँ भी खाली जमीन हो वहां लगा सकते है |
5 . जागरूक करना |
पर्यावरण के बारे में औरो को भी जागरूक करते रहिये , जहाँ भी जरुरत हो वह अपने ज्ञान का प्रयोग करे |
6 . अन्य जीवों के प्रति दया भाव |
प्रकृति सिर्फ मानव का नहीं है , बल्कि दूसरे प्राणियों का भी है , प्रकृति ने मानव को अलग जिस चीज़ से बनाया वो है बुद्धि , अपनी बुद्धि का उपयोग हमे अच्छे कार्यों , दूसरे जीवों दया भाव हो इसीलिए दी है , अगर हमने इस बुद्धि का उपयोग गलत ढंग से किया तो समझिये आप उस प्रकृति बड़ी गलती है , मांस भक्षण करना , बलि के नाम पर बेजुबान को मारना , ये किसी शास्त्र में नहीं लिखा है धर्म के नाम पर ये सब करने वाला सबसे बड़ा अधर्मी है , गीता में भी लिखा है की हमे शास्त्र के अनुसार कार्य करना है न की मानव द्वारा बनाई गयी स्वार्थी पूर्ण विचारों के अनुसार | अपने दिमाग का उपयोग करे और देखे क्या सही है क्या गलत |
और बलि देने का इतना ही शौक है तो इंसान खुद की बलि , क्योंकि भगवान को इंसान की बलि बहुत पसंद है |
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Nice💚🌱❤
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteपेड़ के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं
ReplyDelete��������������������������������