हेल्लो दोस्तों ,
कैसे हैं आप ? आशा करता हूँ एकदम बढ़िया होंगे |
इस ब्लॉग के शीर्षक से आप जान ही गए होंगे की मैं किस बारे में बात करने वाला हूँ , तो चलिए शुरू करते हैं |
अभी एक सीजन चल रहा है , क्या का ? शादियों का |
चलिए मैं शादी वाले टॉपिक पर बात नहीं करूँगा , ये आपका व्यक्तिगत चुनाव है |
मैं बात करने वाला हूँ शादी के बाद वाली ज़िन्दगी का , मतलब बच्चों का |
अब जाहिर सी बात है शादी हुई है तो बच्चे तो होंगे ही , है न ?
गलत !!!!!
बस हम यहीं फंस गए |
अच्छा दोस्तों आपने कभी हाइब्रिड बीजों का नाम सुना है ?
एक किसान जिसने ज्यादा पढाई नहीं की वो जब अपने खेत के लिए बीज लेने जाता है तो बोलता है की अच्छा वाला बीज देना , हाइब्रिड वाला , जिससे फसल की पैदावार बहुत ज्यादा हो |
आपने कभी हाइब्रिड नस्लों के जानवर , जैसे कुत्ता , गाय , घोड़े इनके बारे में सुना है ?
जैसे एक सामान्य देशी गाय 2 से 4 लीटर दूध रोज का देगी , पर हाइब्रिड गाय 20 से 40 लीटर |
सामान्यतः घरों में देशी कुत्ते नहीं बल्कि हाइब्रिड वाले कुत्ते जैसे लैब्राडोर , बुलडॉग , जर्मन शेफर्ड इस प्रकार के कुत्ते रखे जाते हैं ,
क्यों ?
क्योंकि सीधा - सीधा ये मुनाफे और स्टेटस को बढ़ाने वाले होते हैं , सही है ?
तो बस इसी को मैं आगे बढ़ा रहा हूँ , जब सामान्य फसलों और जानवरों में हम बीजों का चुनाव इतने अच्छे से करते हैं फिर इंसानों की जब बात होती है तो धारणाएं बदल क्यों जाती है ?
जरा नीचे लिखे आंकड़ों को देखिये -
पूरी दुनिया में एक दिन में पैदा होने वाले बच्चों में हमारा देश पहले नंबर पर है |
अब आप कहेंगे की इनमें से मरने वाले बच्चे भी तो होंगे , जी हाँ वो भी हैं पर जरा इसे देखिये -
अगर ये संख्या घटा दें तो फिर भी करीब 63000 बच्चे बचते ही हैं |
चलिए ये तो सिर्फ आंकड़ा हुआ , अब प्रैक्टिकल बातें करते हैं |
आप में से ऐसे कितने लोग हैं जो खुश रहना नहीं चाहते हैं ?
अब आप कहेंगे ये भी कोई पूछने वाली बात है , जाहिर सी बात है सभी चाहते हैं
अब मैं आपसे पूछता हूँ खुश रहना है उसके लिए जरुरी संसाधान तो लगेंगे ही न ?
वो कहाँ से आएगी ? शायद आपको पता ही होगा , अभी जितनी आबादी है उसके लिए हमे 1.7 पृथ्वी चाहिए , फिर आने वाला बच्चा के लिए बचा क्या ???
धरती पर पानी तो सीमित है , जमीन तो सीमित है , तो जब लोग बढ़ते जायेंगे तो उनकी जरूरते पूरी कैसे होगी ?
क्या भारत देश में रोज़ इतने रोजगार पैदा किये जा सकते है ?
हमारी आबादी दुनिया में नंबर एक पर आती है , तो इतने सारे लोगों को जरुरी संसाधन उपलब्ध कौन कराएगा ?
हमने जनसँख्या विस्फोट पुस्तकों में पढ़ा ही है , पर क्या हम असल ज़िन्दगी में इसे लागू करते हैं ?
आपको पता है आज के समय में एक इंसान आत्महत्या करके जितना गलत करता है ,उससे हज़ार गुना ज्यादा गलत वो तब करता है जब वो एक बच्चे को इस दुनिया में लाता है |
हाँ शादी आपका चुनाव है , क्योंकि इसमें कोई नया इंसान पैदा नहीं हो रहा , पर बच्चे का चुनाव सामूहिक है , इसे बिलकुल ऐसे समझिये एक कमरे में 2 लोग हैं , तो उनको ज्यादा दिकक्त नहीं होगा , अब उसी कमरे में 200 लोग हो जाए , तो घुटन में मर जायेंगे , वो कमरा , कमरा नहीं पृथ्वी को समझिये , अब आप समझदार है , बाकि बातें समझ जाएंगे |
जैसे किसी भी उपाधि के लिए काबिलियत चाहिए वैसे ही बच्चे को जन्म देने और उसे परवरिश करने की भी काबिलियत होनी चाहिए , नहीं तो बच्चे पैदा होते रहेंगे , और कीड़े मकोड़ों के जैसे ज़िन्दगी काटते रहेंगे |
चलिए होगा आपके पास पैसा , आप बच्चों को पाल लेंगे पर क्या वो कभी घर के बाहर नहीं जाएगा ? क्या कभी सडकों पर गाड़ियां नहीं चलाएगा ? कभी किसी भीड़ वाली जगह पर नहीं जाएगा ?
बात सिर्फ पालने या ना पालने की नहीं है , बात है परवरिश और सही ज़िन्दगी की |
बच्चे तो भगवान् की देन होते हैं |
आप कहेंगे अरे बच्चे तो भगवान् की देन होते हैं |
चलिए अच्छी बात !
फिर मेरा तर्क ये है की जब किसी इंसान को बिमारी होती है तो उसकी ज़िन्दगी बचाने के लिए आप अस्पताल जातें हैं की नहीं ?
आप मृत्यु को टालने की कोशिश करते हैं , सही है ?
तो क्या मृत्यु भगवान् की देन नहीं है ?
आप भगवान् के खिलाफ जा रहे , क्या ये गलती नहीं है ?
क्या अब भीड़ ही ताकत की परिभाषा है ?
तकनीक में पीछे |
ये आंकड़ें भी कुछ सही स्थिति नहीं दिखा रहे है , साफ़ साफ़ दिख रहा , हम कैसे भुखमरी की और बढ़ रहे |
याद रखिये दोस्तों एक बुद्धिमान इंसान इन सब आंकड़ों को कभी नकार नहीं सकता , गरीबी भुखमरी , दुःख , चिंता सभी का एक ही मुख्य कारण है , बढ़ती आबादी |
और आज के समय में एक जागरूक इंसान कभी नहीं चाहेगा की वो एक और बच्चे का बोझ इस धरती पर डाले , क्योंकि उसे पता है की वो उस बच्चे को जीवन नहीं बल्कि मौत दे रहा , सामने दिखती तो नहीं पर धीरे -धीरे उसे खत्म करती जा रही |
तो याद रखिये , एक और बच्चा , हज़ार दुःख |