क्या ये घटना हमे कुछ बताती है ?
हैल्लो दोस्तों ,
कैसे हैं आप ? वैसे ये प्रश्न कोई भी पूछे , हमारा जवाब तो यही रहता है " सब बढ़िया " 😀😀 |
चलिए अच्छी बात है , वैसे ये ब्लॉग उतना लम्बा नहीं रहेगा जितना आमतौर पर होता है ,क्योंकि इसमें मैं मेरे साथ घटी वो घटना के बारे में बताऊंगा जो आमतौर पर आप लोग के साथ भी होता होगा , पर हम उतना ध्यान नहीं देते , तो एक तरह से ये ब्लॉग आपका ध्यान उस तरफ खींचने के लिए ही बना रहा हूँ , तो चलिए शुरू करते हैं |
-: एक निर्दोष बच्चा : -
दोस्तों अभी दशहरा छुट्टी में मैं अपने घर गया था , सभी चीज़ें वैसी ही चल रही थी जैसी सामान्य रूप से चलती है , फिर मुझे कुछ काम से रायपुर जाना पड़ा , वहां मैंने काम निपटाया , और मेरे एक परिचित से मुझे पैकेट में बंद थेपला ( एक तरह की रोटी ) मिला , ये समय सुबह 7 बजे का था तो मैंने उसे खाया नहीं , बल्कि अपनी जेब में रख दिया , अब मैं रायपुर से अपने घर बाइक से आ रहा था , रास्ते में मुझे गंदे और धुल से सने हुए कपड़ों में एक लड़का , जो करीब 11 - 12 साल का रहा होगा वो मिला जो अपने उम्मीद भरी आँखों से आने जाने वालों की तरफ देख रहा था और अपना हाथ उठाते हुए इशारे कर रहा था ताकि लोग समझ जाये की उसे लिफ्ट चाहिए |
मैं उससे लगभग 20 मीटर पहले रुका , फिर कुछ देर देखता रहा की कोई उसकी मदद करेगा की नहीं , पर जैसा आप उम्मीद लगा सकते हैं , अपनी हज़ारों - लाखों रुपये की गाड़ी में कोई एक ऐसे बालक को क्यों बिठायेगा ?
फिर मैं उसके सामने रुका , उसने मुस्कुराते हुए , सुकून के पलों के साथ कहा की " भैया मुझे आगे तक छोड़ देंगे क्या ? "
मैंने कहा " चला बैठ " , और हम दोनों आ रहे थे |
फिर मैंने अपनी चुप्पी तोड़ उससे कुछ बातचीत करने की शुरुआत की , उसका नाम पूछा , वो कहाँ रहता है , कहाँ जा रहा है , घर में कौन - कौन है ? पढ़ाई करने जाता है या नहीं ?
उसने कहाँ - " मेरा नाम अशोक है ", अभनपुर के पास एक गांव का नाम लिया जहाँ वो रहता है , और अभनपुर जा रहा था , घर में दो छोटी बहन , और मां है , पिता कुछ साल पहले गुजर गए , पढ़ाई नहीं करता है , बस इधर उधर घूमकर लोगों से कुछ मांग के मां को पैसे देता है | "
वैसे ये सब उसने छत्तीसगढ़ी में कहा था , आपके सहूलियत के लिए मैंने हिंदी में लिखा है |
इतना उसने मुझे बताया , फिर हम दोनों शांत हो गए , कुछ देर बाद वो लड़का मुझसे कहता है - " भैया , आपके पास कुछ पैसे हैं ? खाना खाऊंगा | "
मैंने उससे कहा ठीक है , तुम्हे जहाँ छोड़ना है वहां तक ले जाता हूँ फिर दूंगा |
अब हम बस स्टेशन पहुँच गए , मैंने वो थेपला उसे दिया जो मैं जेब में रखा हुआ था , और कुछ पैसे दिए , फिर वो थैंक्यू बोलकर चला गया |
पर मुझे ये भी देखना था , वो सच कह रहा या नहीं ?
मैंने कुछ दुरी पर बाइक रखी और एक जगह रूककर उसे देखने लगा , मैंने देखा उस लड़के ने सिर्फ एक थेपला खाया , एक को पास में बैठे कुत्ते और एक को उसके बाजु में बैठे गाय को दिया |
फिर उसने उन पैसों को जेब में रखे , और कुछ लोगों से और पैसे मांगने लग गया |
मै 10 मिनट देखता रहा , फिर मैं घर आ गया |
दोस्तों आप लोग के साथ भी ऐसा हुआ होगा , हो सकता है किसी ने ध्यान दिया , किसी ने नहीं , हो सकता है उसकी सारी बातें सच ना हो |
पर ये कहानी सिर्फ उस बच्चे की और मेरी नहीं , बल्कि हम सबकी कहानी है |
आपको पता है की भारत में कितने बच्चे स्कूल नहीं जा पाते ?
लगभग 60 लाख |
क्या ये सामान्य है ?
बिलकुल भी नहीं |
दोस्तों चलो मान लेते हैं अशोक का एक परिवार तो है , पर उनका क्या जिनके पास कोई नहीं ?
अधिकतर दंपत्ति जो वित्तीय रूप से काबिल है , वो भी खुद के बच्चे के लिए ललायित रहते हैं , IVF , TEST TUBE BABY , दुनिया भर की टेक्नोलॉजी का सहारा लिए जा रहे , चलिए ये भी मान लिया उनका खुद का एक बच्चा हो , पर बाद के लिए तो इन अनाथ बच्चों की तरफ देख ही सकते हैं न ?
देखिये ये बिलकुल सही है ये उनकी Choice हैं , पर फिर उनको ये हक़ भी नहीं बनता की इन बच्चों और उनके जैसे लोगों को कुछ कहे , या उनके बारे में अपनी राय दे , आपको क्या लगता है , अपराधियों में अधिकतर कौन से बच्चे या किशोर शामिल होते हैं ?
अधिकतर उन्ही परिवारों से जो या तो अपनी मूलभूत जरुरी चीज़ भी नहीं जुटा पा रहे या फिर वो जहाँ परिवार में बच्चे ज्यादा हैं , क्योंकि उनकी परवरिश अच्छे से नहीं हो पाती |
और आप सरकार का नाम लेकर अपनी ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकते , सरकार तो यही चाहती है की आप ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करे |
मैं नीचे International Research Journal of Management Sociology & Humanities की एक रिपोर्ट Upload कर रहा हूँ , एक बार जरूर देखिये , की कैसे अशोक जैसे बच्चे अपराध करने में आगे बढ़ जाते हैं |
डाउनलोड करने के लिए , इस बटन को क्लिक करे 👇 |
भारत में आज भी लगभग 3 करोड़ बच्चे अनाथ हैं , और हम भारत को विश्वगुरु बनाने का सपना देख रहे , क्या ऐसे पूरा होगा ???
अंतिम में यही कहूंगा की जो दंपत्ति 1 से ज्यादा बच्चे पाल सकती है वो कोई बच्चा गोद क्यों नहीं ले सकते ?
अगर गोद ना भी ले , तो कम से कम उनकी पढ़ाई और मूलभूत जरूरते पूरी करने की ज़िम्मेदारी तो ले ही सकते हैं | है की नहीं ???
सोचियेगा जरूर !!!!!!
Sahi baat hai verma g, jis bachhe ka bachpan is tarah se gujarta hai ya to vo bahut accha Banta hai ya fir hahut hura, use Aisa bnane me hamara samaj hi jimmedar hai
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