श्रावण में मांस नहीं खाते हैं ????
नमस्कार दोस्तों ,
मैं हूँ आर्यन , आया हूँ एक नये ब्लॉग के साथ , जैसा की सभी जानते हैं , अभी भगवान् शिव का प्रिय मास , श्रावण की शुरुआत हुई है , इस पुरे महीने उनकी आराधना होगी , बोल बम के नारे लगाए जायेंगे , हर घर एक भक्ति की भावना रहेगी , और सभी जगह एक यही बात सुनने को ज्यादा मिलेगी , " अभी सावन चल रहा है , हम मांस नहीं खाते " , Am I Right ???
ये ब्लॉग पढ़कर कई लोगों को हो सकता है बुरा भी लगे , इसीलिए खुद की बुद्धि लगाकर ही आगे बढ़े।
Bcoz Terms & Conditions Apply ........
तो चलिए यहीं से शुरुआत करते है , क्योंकि Veg और Non Veg इन दोनों के बीच अक्सर ये द्वन्द चलता है , शाकाहारी अपने तर्क पर अडिग है , और मांस खाने वाला अपने तर्क पर, आज हम उसी बात पर थोड़ा आगे जाके चर्चा करेंगे , अगर आपको बात सही लगे तो ठीक है , नहीं लगे तो भी एक बार सोचना जरूर. | ...
ऐतिहासिक मानव .....
अगर मैं कई हज़ार साल पहले की बात करूं तो , आदिमानव जंगल में ही रहते थे , उनके पास बौद्धिक क्षमता का तनिक अभाव था , पहले आग का अविष्कार भी नहीं हुआ था , तब इंसानो को जंगल में कंद - मूल , फल , और छोटे जानवर ही मिले जिसे मारकर अपना पेट भर सकते थे , तो यहाँ से शुरुआत हुआ , हमारी सभ्यता का , जहाँ शरीर को ऊर्जा देने के लिए इंसान खाना सीखा , जैसा भी मिले , जो भी मिले वह खा लेता था |
विकसित मानव सभ्यता ...
अब अगर बात करे विकास की तो आग के अविष्कार के बाद , इंसान उन्ही मांसों को , कंद - मूल को आग में पकाकर खाने लगा , भोजन जल्दी पच जाता था , उससे ऊर्जा और जरुरी तत्त्व इंसान को मिलने लगे , जिससे उसकी बौद्धिक क्षमता का विकास होने लगा , अब वो थोड़ा बहुत सोच समझ सकता था , भाषा बोलने लगा था , कई मीलों की दुरी पार करने लगा था , धीरे धीरे बुद्धि का विकास और होता गया , मानव अपने आसपास की चीज़ों के बारे में विश्लेषण करने लगा था |
वर्तमान सोच। ...
दोस्तों अब अगर मैं वर्तमान सोच की बात करूँ तो मानव बुद्धि भले ही सागर की गहराइयों से लेकर अनंत आकाश की ओर जा पहुंचा है , लेकिन जहाँ हमारे रहन - सहन , खान - पान , दिनचर्या इनमे और पुरातन काल के लोगों में कुछ खास फर्क नहीं दिखता है , खाने को लेकर आज भी कई लोग आदिमानव बने हुए है , मनुष्य की बुद्धि तो बढ़ गयी , पर उसका कुछ खास इस्तेमाल करने की क्षमता का विकास नहीं हो पाया |
अगर बौद्विक क्षमता उतनी ही विकसित हो पाती तो आज लोगों के खाने की थाली में किसी कोने में किसी निर्दोष का मांस नहीं होता , क्या यह सही नहीं है ?
जैसा अन्न वैसा मन। ....
अक्सर ये वाक्य हम आध्यात्मिक मार्ग पर चलने वालों के मुँह से ही सुनेंगे , फिर उनका मज़ाक बनाकर आगे बढ़ जायेंगे , पर इसकी सच्चाई की तरफ कभी नहीं देखते , क्योंकि मांस खाने वाले डरते है कुछ बोलने से , क्योंकि उनको भी पता है , उन्होंने गलत काम किया है , आज के इंसान का मन को तो आप जानते ही है , और उनकी बौद्धिक क्षमता को भी , भाई - भाई की जान ले रहा है , कोई इंसान अपने ही घर पर सुरक्षित नहीं , क्या हो गया है मानव को ?
इसका सीधा सीधा संबंध हमारे खाने की थाली से है , जैसा हम खाएंगे वैसा ही हम सोचेंगे , और हम जैसा सोचेंगे वैसा ही काम करेंगे , क्या ये सही नहीं है ?
मैंने इस बात को खुद अनुभव किया है , जितना सात्विक आपका अन्न होगा , वैसा ही शुद्ध आपका मन होगा , जो इंसान बाहर से हट्टा - कट्टा दिख रहा , जरुरी नहीं हम उसको ही स्वस्थ शरीर वाला कहें , स्वस्थ शरीर वही है जिसका मन स्वस्थ है।
और हमारा मन हमारे अन्न पर ही निर्भर करता है , अगर आप अपने जीवन में शांति , सुख , उमंग , सफलता ये सभी चाहते हैं , और खाने में Non Veg ले रहे है तो माफ़ कीजिये पर कभी शांति नहीं मिलेगी , जीवन भर रोते ही रहोगे |
आये दिन जो आप टीवी , अख़बार में जो समाचार सुनते है , एक बच्चे ने अपने ही पिता को हानि पहुंचाई , घर से कुछ चोरी कर लिया , एक दोस्त ने दूसरे दोस्त को मार दिया , ये सब किसका परिणाम है ?
हमारे असंतुलित खाने का ही परिणाम है , जो इंसान दूसरों का मांस खाता हो , उससे आप क्या उम्मीद कर सकते है ? अच्छाई की उम्मीद न करे तो ही बेहतर है |
मांस खाने के लिए तर्क। ....
अक्सर ये देखा गया है , मांस खाने वाले को कुछ समझाओ तो ऐसे ऐसे तर्क देंगे की आप खुद सोच में पड़ जाओगे , पर वो थोड़ा भी सोचना नहीं चाहते |
1 . अगर मांस नहीं खाएंगे तो प्रोटीन , विटामिन कहाँ से मिलेगा ?
उत्तर - आप दुनिया में सिर्फ अकेले इंसान नहीं जिसे प्रोटीन की जरुरत हो , आपको कई लोग मिलेंगे जो बिना कोई जीव की हत्या किये , प्रोटीन ले रहे हैं | और क्या प्रोटीन सिर्फ मुर्गी , बकरे , गाय , भेड़ , मछली इन्ही में मिलेगा ? , अगर खाना ही है तो आप इंसानो को खाइये न , सबसे ज्यादा प्रोटीन तो उसमे है , सही है ?
सोयाबीन , मूंगफल्ली , पनीर , केला , मूंग , चने और भी है जिसमे मांस से ज्यादा प्रोटीन है | इसीलिए खुद का शरीर बनाने के लिए , दूसरों की हत्या करना बंद करे , ये बिलकुल इंसानियत नहीं |
क्या ऐसा होता है ,जो मांस खाता है उसे कोई रोग नहीं होता ? , कोई दर्द नहीं होता ? ऐसा होता है ? बिलकुल नहीं
उल्टा जो मांस खाता है उसे ही सब रोग होते है |
2 . अगर उनको खाएंगे नहीं तो उनकी संख्या बढ़ जाएगी |
उत्तर - आप क्या दुनिया का ठेका लेने आये है ? , आपको आबादी की चिंता कब से हो गयी ? सबसे ज्यादा आबादी तो इंसानों की है , तो क्यों ना आप इंसानों को ही मार देते ? , हमारी प्रकृति के अंदर सभी जीवों का संतुलन हमेशा ही बना रहता है , जो खाद्य श्रृंखला है वो कभी नहीं टूटता , बल्कि इंसानों के बेपरवाह हस्तक्षेप के कारण बाकि जीवों को नुकसान ही हुआ है , हम खुद का दिमाग लगाना ही नहीं चाहते , बस खानाबदोश ज़िन्दगी जी रहे है , आप प्रकृति के कामों में टांग अड़ाना छोड़ दो , सब ठीक हो जाएगा |
आपके Non Veg खाने के कारण ही , मुर्गियों , मछलियों , बकरे इत्यादि का जबरदस्ती प्रजनन कराया जाता है , कभी पोल्ट्री फॉर्म में 10 मिनट रुक के आना , अपनी नाक बंद न कर दो तो कहना |
3 . भगवान ने खाने को बनाया है तो खाएंगे |
उत्तर - भगवान् ने क्या आपको बोला था की सब जीवों को खाओ ? , एक तरफ हम भगवान के ऊपर इतनी श्रद्धा रखते है , दूसरी तरफ उन्ही के बनाये हुए जीवों को मार के खा रहे , क्या यही हमारी श्रद्धा है ? , जय श्री राम , जय श्री कृष्णा के नारे लगाने वाले ये भूल गए की उन्होंने क्या कहा है ? , क्या सिर्फ यही जानता है इंसान की इंसानों से प्रेम करो , क्या जीवों से प्रेम करों ये नहीं कहा गया ? बिल्लियां , कुत्ते , गाय , इत्यादि जानवर खुद हमारे प्रेम के भूखे हैं, आप खुद अपने बौद्धिक क्षमता का उपयोग करो , तभी आगे कुछ नया हो पाएगा |
4 . क्या शाकाहार खाने में जीवों की हत्या नहीं होती ?
उत्तर - कभी गीता पढ़ी भी है ? , की बस फेसबुक , ट्विटर , इंस्टाग्राम और गेमिंग वर्ल्ड में ही उलझे हो ? , हमारे शास्त्रों में कहा गया है , " जीवो जीवस्य जीवनम " , अर्थात जीवों का जीवन , जीव ही है | आसान शब्दों में कहे तो प्रकृति में हर जीव के लिए एक विशेष भोजन बनाया गया है , अगर उसको खाएंगे तो किसी भी जीव को कोई हानि नहीं होती , इंसानों का खाना शाकाहार में है , उससे कोई दिक्कत नहीं , शेर का खाना मांस है , उसे खाने से उसे कुछ नहीं होगा , इसीलिए तर्क करना छोड़ो और खुद की बुद्धि लगाओ |
मांसाहार से हानियां
1. मांस खाने से आपका मन हमेशा नकारात्मकता की ओर ही भागेगा , ये पूरी तरह सत्य है।
2. आध्यात्मिक जीवन की बात किया जाए तो आप कभी भी उसमे सफल नहीं हो पाएंगे , किसी जीव की हत्या का पाप आपके सिर पर रहेगा।
3. आपका मन पूरी तरह से आपके हाथ से निकल जाएगा , कभी दुखी कभी रोना कभी डर ऐसी भावनाएं आपको घेर लेगी।
4. धार्मिक पहलू से देखा जाए तो जिस गाय को हम पूजते है उसे दूसरे धर्म में खाया जाता है , क्यूं ? आप बकरे खाना छोड़ दो , वो गाय खाना छोड़ देंगे , बलि के नाम पर निर्दोष की हत्या क्योँ ? आप खुद का रक्त ईश्वर को समर्पित कीजिये |
शाकाहार के लाभ :-
1 . शाकाहार होने से सबसे बड़ी बात , दोस्तों ये की प्रकृति का प्रवाह तंत्र अच्छे तरीके से चलता है , खाद्य श्रृंखला कभी बाधित नहीं होती।
2. शाकाहार से हमारा मन सही रास्ते पर चलता है , गुस्सा , अहंकार , डर ये सभी भावनाए खत्म हो जाती है ।
3. आपका स्वभाव पहले से कहीं ज्यादा बेहतर हो जाएगा।
4. एक शांत जीवन की कल्पना सच हो जाएगी , आपने दारा सिंह का नाम तो सुना ही होगा , वो भी पहले NonVeg खाते थे , पर रामायण में हनुमान का किरदार निभाने के बाद पूरी तरह बंद कर दिए , क्या ये उदाहरण प्रेरणामय नही है ?
खाने का नियम। ..
एक वाक्य हमेशा कहा जाता है , " इंसान खाने के बिना जीवित नहीं रह सकता " , और ये बात शत प्रतिशत सत्य भी है , तो आइये इसी खाने को लेकर कुछ नियम के बारे में जानते है :-
1 . खाने की थाली में पूर्ण सात्विक रूप से बना खाना ही हो , क्योंकि यही खाना आपके भविष्य के कार्यों को श्रेष्ठ बनाएगी |
2. खाने में कभी भी अंडे , मांस , या मांस से बनी चीज़ों का उपयोग न हो |
3 . खाने का जगह शांतिमय हो , न कोई शोर शराबा न ही कुछ और. |
4 . मोबाईल या टीवी देखते हुए खाना न खाये , इससे हमारा ध्यान भटकता है , चाहे तो मोबाइल या टीवी में कुछ अच्छा सा सांग या शांतिमय कोई चीज़ जैसे म्यूजिक ऐसा कुछ लगा सकते है (अगर जरुरी हो तभी ) |
5 . संतुलित आहार ले , पर प्रोटीन या विटामिन के नाम पर किसी जानवर को मरकर न खाये |
अंत में यही कहूंगा की अंडे , मांस , मछली ये सभी खाने से सभी तरह से गलत ही कर रहे हैं , उनका भी अपना जीवन है , परिवार है । कभी भी अब खाने को आगे बढ़े तो अपनी खुद की फैमिली को याद कीजिए , जो इंसान खुद किसी को खोने से डरता है वो कभी दूसरे को कैसे मर सकता है ? और जो मार रहा है वो किसी जानवर से कम नहीं है ।
इंसानों सभी जानवरों से इसीलिए अलग है। क्योंकि उसकी बुद्धि है , वो कोई भी काम करने से पहले सोच सकता है। जरा इस बात पर भी विचार कीजिए , ये महीना बहुत शुभ है , भोले बाबा का महीना है , अपने बुद्धिमान होने का परिचय दीजिए , आज से ही मांसाहार छोड़िए, फिर देखिए मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं आपके जीवन में बहुत कुछ बदल जाएगा।।
कृपया एक बार ये वीडियो जरूर देखिये , अगर आपके अंदर कुछ हलचल हो तो समझ जाना , आपको एक कदम बढ़ाने की जरुरत है |
जय शिव शम्भू।।।।।।
Nice mai to saakahaari hu
ReplyDeleteNice .....man should be vegetarian
ReplyDelete👍
ReplyDeleteGood 👍
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